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JNU विवाद में सामने आया नक्सलियों का कनेक्शन, खुफिया एजेंसियों ने 4 छात्रों पर जताया संदेह

जेएनयू में सक्रिय डीएसयू ऑल इंडिया रिवोल्यूशनरी स्टूडेंट फेडेरेशन का हिस्सा माना जाता है. यह छात्रों का ऐसा संगठन है जो नक्सली गतिविधियों में वैचारिक योगदान देता है.

राहुल कंवल/ब्रजेश मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 16 फरवरी 2016,
  • अपडेटेड 1:50 PM IST

दिल्ली पुलिस ने भले ही जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को गिरफ्तार कर लिया है लेकिन कैंपस में देश विरोधी नारे लगाने और अफजल गुरु के समर्थन में कार्यक्रम आयोजित करने मास्टरमाइंड अभी भी गिरफ्त से बाहर हैं. खुफिया एजेंसियों ने जेएनयू मामले में आरोपी चार छात्रों के नक्सलवादियों से संपर्क होने का संदेह जाहिर किया है.

इस मामले में डेमोक्रेटिक स्टूडेंट यूनियन के चार सदस्यों उमर खालिद, अनिर्बन भट्टाचार्या, रियाजुल हक और रुबीना सैफी का नाम सामने आया है. यह संगठन सीपीआई-एम का स्टूडेंट विंग माना जाता है. जेएनयू में सक्रिय डीएसयू ऑल इंडिया रिवोल्यूशनरी स्टूडेंट फेडेरेशन का हिस्सा माना जाता है. यह छात्रों का ऐसा संगठन है जो नक्सली गतिविधियों में वैचारिक योगदान देता है. हालांकि अब तक इस बात का पता नहीं चल सका है कि आखिर किसके कहने पर इतना बड़ा विवाद खड़ा हुआ है.

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सोशल मीडिया में वायरल हुआ था वीडियो
बीती 9 फरवरी को शाम छह बजे जेएनयू के गंगा ढाबा पर उमर खालिद ने एक सभा को संबोधित किया था और लगातार देश विरोधी नारे लगाए थे. उसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ, जिसके बाद विवाद उठा.

फेसबुक और ट्विटर पर चल रही बहसों में यह जाहिर किया गया है कि डीएसयू लगातार भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल रहा है और पहले भी अफजल गुरु को फांसी दिए जाने के विरोध में कार्यक्रम आयोजित कर चुका है. बीते साल ताप्ती हॉस्टल के मेस में मीटिंग हुई थी, जिसका एबीवीपी ने विरोध किया था.

उमर खालिद ने दी थी एप्लीकेशन
सूत्रों के मुताबिक, उमर खालिद ने जेएनयू प्रशासन को एप्लीकेशन देकर 9 फरवरी की शाम कल्चरल ईवनिंग की अनुमति मांगी थी. जिसे जेएनयू प्रशासन ने मान लिया था. इसके बाद पूरे कैंपस में कार्यक्रम की जानकारी देते हुए पोस्टर लगाए गए थे. हालांकि कार्यक्रम शुरू होने के 15 मिनट पहले कार्यक्रम की अनुमति रद्द कर दी गई. ऐसा एबीवीपी की ओर से शिकायत किए जाने के बाद हुआ. कार्यक्रम न हो इसके लिए बिजली की सप्लाई रोक दी गई लेकिन डीएसयू ने अंधेरे में ही कार्यक्रम जारी रखा.

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पूरे घटनाक्रम पर गौर करने पर सवाल उठता है कि दिल्ली पुलिस आखिर अब तक असली आरोपियों तक क्यों नहीं पहुंच सकी.

जीएन साईंबाबा के संपर्क में थे आरोपी
'आज तक' से बातचीत में खुफिया एजेंसियों ने बताया कि ये चारों छात्र दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जीएन साईबाबा के निर्देशों पर काम करते थे, जो फिलहाल नक्सलियों से लिंक होने के आरोप में नागपुर जेल में बंद हैं. चर्चित लेखिका अरुंधती रॉय प्रोफेसर साईबाबा के समर्थन में बड़े स्तर पर आंदोलन चला रही हैं. वहीं, साईंबाबा की गिरफ्तारी के बाद डीएसयू को अंबेडकर कॉलेज की एक महिला प्रोफेसर लीड कर रही हैं.

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