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संविधान की प्रस्तावना रोज पढ़ने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका

सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को एक दिलचस्प जनहित याचिका दाखिल की गई. इसमें मांग की गई है कि संविधान का प्रस्तावना को देश के सभी सरकारी दफ्तरों, स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी में लगाया जाए. इसके साथ ही सभी स्कूलों में अलग से पांच मिनट का सेशन रखकर प्रस्तावना की बुनियादी बातों पर कम से कम सप्ताह में एक बार चर्चा की जाए.

संविधान की प्रस्तावना संविधान की प्रस्तावना
केशव कुमार/अहमद अजीम
  • नई दिल्ली,
  • 12 अप्रैल 2016,
  • अपडेटेड 7:07 AM IST

सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को एक दिलचस्प जनहित याचिका दाखिल की गई. इसमें मांग की गई है कि संविधान का प्रस्तावना को देश के सभी सरकारी दफ्तरों, स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी में लगाया जाए. इसके साथ ही सभी स्कूलों में अलग से पांच मिनट का सेशन रखकर प्रस्तावना की बुनियादी बातों पर कम से कम सप्ताह में एक बार चर्चा की जाए. इससे शुरुआती वक्त में ही लोगों के मन में इसकी गहरी छाप पड़ेगी. कोर्ट जल्द ही इस याचिका पर सुनवाई कर सकती है.

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कोर्ट से गाइडलाइंस जारी करने की मांग
कानून के छात्र अनुज चौहान की ओर से दाखिल इस याचिका में कोर्ट से मांग की गई है कि वह एक गाइडलाइन जारी कर त्वरित कार्रवाई करने का आदेश दे. इससे नौजवानों के दिमाग में भारतीयता और संविधान की प्रस्तावना की स्थायी जगह बन सके. प्रस्तावना के जरिए लोगों में भाईचारा का विकास होगा और भविष्य में हिंसा के खिलाफ मानसिकता तैयार होने में मदद मिलेगी. याचिका में इसको लेकर कानून बनाने की मांग की गई है. ऐसा होने तक कोर्ट से विभिन्न फैसलों के जरिए दिशा निर्देश देने की मांग भी की गई है.

पढ़ेंः भारतीय संविधान की प्रस्तावना

संवैधानिक लक्ष्य को समझने में मिलेगी मदद
चौहान ने कहा है कि संविधान को स्वीकार करते वक्त देश की आत्मा का निचोड़ इसकी प्रस्तावना में अभिव्यक्त किया गया है. इससे रूबरू होते रहने से हमें संवैधानिक लक्ष्य का ओर बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी. साथ ही देश की विभिन्नता को समझने में भी मदद मिलेगी.

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