
आईएनएक्स मीडिया से संबंधित भ्रष्टाचार के मामले में बेटे कार्ति चिदंबरम की गिरफ्तारी के 18 महीने बाद पिता पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को जेल भेजा गया है. 28 फरवरी 2018 को सीबीआई ने चेन्नई एयरपोर्ट से कार्ति चिदंबरम को गिरफ्तार किया था. हालांकि 23 दिन जेल में गुजारने के बाद कार्ति को जमानत मिल गई थी. वहीं, 22 अगस्त पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को सीबीआई ने हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद गिरफ्तार किया गया था.
इस मामले में गुरुवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला सुना दिया. कोर्ट ने पी. चिदंबरम को 19 सितंबर तक यानी 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. अगले 14 दिन वह तिहाड़ जेल में रहेंगे. बताया जा रहा है कि उन्हें 7 नंबर जेल में रखा जाएगा. इस जेल में आर्थिक अपराध से जुड़े लोगों को रखा जाता है, चिदंबरम के बेटे कार्ति को भी जेल नंबर 7 में रखा गया था.
14 दिन के लिए तिहाड़ जेल भेजे गए पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम
क्या था मामला
31 मई 2007 को फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (FIPB) ने आईएनएक्स मीडिया को 4.62 करोड़ रुपए के विदेशी निवेश की अनुमति दी थी. लेकिन, आईएनएक्स मीडिया ने 305.36 करोड़ रुपए के विदेशी निवेश हासिल किए. इस राशि में से आईएनएक्स मीडिया ने गलत तरीके से 26% राशि आईएनएक्स न्यूज में लगा दिया, लेकिन बिना FIPB के अनुमति से. इसके बाद 2010 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आईएनएक्स मीडिया के खिलाफ फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट कानून को तोड़ने के जुर्म में केस दर्ज किया था. इस प्रक्रिया में जिन कंपनियों को फायदा हुआ, उन्हें चिदंबरम के सांसद बेटे कार्ति चलाते हैं. इस मामले में सीबीआई ने 15 मई 2017 को केस दर्ज किया था. वहीं, 2018 में ईडी ने भी मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था.
कैसे चिदंबरम तक आई INX मीडिया केस की आंच, जानें क्या हैं आरोप
एयरसेल मैक्सिस केस में मिली अग्रिम जमानत
एयरसेल मैक्सिस केस में पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को अग्रिम जमानत मिल गई है. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि गिरफ्तारी की स्थिति में चिदंबरम और कार्ति को एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर तुरंत रिहा किया जाएगा. हालांकि, कोर्ट ने चिदंबरम और कार्ति को गवाहों व सबूतों के साथ छेड़छाड़ न करने और जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया है.