
IRCTC होटल आवंटन मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर आरोपपत्र पर पटियाला हाउस कोर्ट 11 सितंबर को संज्ञान लेगा. आरोपपत्र में आरजेडी प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव और उनके परिवार के सदस्यों के अलावा पूर्व केन्द्रीय मंत्री प्रेमचंद गुप्ता और उनकी पत्नी सरला गुप्ता, IRCTC के तत्कालीन प्रबंध निदेशक बी के अग्रवाल और तत्कालीन निदेशक राकेश सक्सेना का नाम है.
आरोपपत्र में शामिल अन्य नामों में IRCTC के तत्कालीन समूह महाप्रबंधक वी के अस्थाना और आर के गोयल, सुजाता होटल के निदेशक विजय कोचर और विनय कोचर, लारा प्रोजेक्ट्स नाम की एक कंपनी और चाणक्य होटल के मालिकों का नाम शामिल है.
बता दें कि होटल के सब-लीज के बदले पटना के एक प्रमुख स्थान की 358 डिसमिल जमीन फरवरी 2005 में मेसर्स डिलाइट मार्केटिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (आरजेडी सांसद पी.सी. गुप्ता के परिवार के स्वामित्व वाली) को दी गई थी. जमीन उस वक्त के सर्किल दरों से काफी कम दर पर कंपनी को दी गई थी.
ईडी की मानें तो इस मामले में अब तक 44 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति कुर्क की है. सीबीआई ने भी कुछ समय पहले इस मामले में एक आरोप पत्र दायर किया था.
लालू पर क्या है आरोप
ईडी ने आरोप लगाया कि लालू प्रसाद यादव समेत IRCTC के अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग किया. ईडी ने अपनी चार्जशीट में कहा कि रेलमंत्री रहने के दौरान लालू यादव ने नियमों को ताक पर रखकर पुरी और रांची के दो आईआरसीटीसी के होटलों को पीसी गुप्ता की कंपनी को दे दिया.