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क्या मायावती के साथ के लिए राजा भैया की कुर्बानी देने को तैयार हैं अखिलेश यादव!

मायावती की प्रेस कांफ्रेंस के तुरंत बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने समर्थन को लेकर रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया को धन्यवाद देने वाला एक ट्वीट डिलीट कर दिया.

रघुराज प्रताप सिंह, अखिलेश यादव और मायावती रघुराज प्रताप सिंह, अखिलेश यादव और मायावती
वरुण शैलेश
  • लखनऊ,
  • 24 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 6:16 AM IST

राज्यसभा चुनाव नतीजों के बाद उत्तर प्रदेश के सियासी गलियारों में उलट-फेर होने की संभावना बढ़ती जा रही है. किसी भी कीमत पर सपा से गठबंधन न टूटने देने के बसपा सुप्रीमो मायावती के बयान के तुरंत बाद अखिलेश यादव ने राजा भैया को धन्यवाद वाले एक ट्वीट को डिलीट कर दिया. साथ ही लगे हाथ राज्यसभा चुनावों में बसपा के समर्थन के लिए मायावती को थैंक्यू भी बोल दिया.

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लखनऊ में शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस करते हुए मायावती बोलीं कि राज्यसभा चुनाव के नतीजों से सपा-बसपा का गठबंधन जरा सा भी प्रभावित नहीं हुआ है, थोड़ा भी नहीं. उन्होंने इस दौरान उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सलाह भी दी.

मायावती ने कहा, अखिलेश यादव कुंडा के गुंडे के जाल में फंस गए, अगर ऐसा न होता तो शायद हम यह सीट बचा लेते, मैं उनकी जगह होती तो भले ही मेरा उम्मीदवार हार जाता, मगर उनके उम्मीदवार को हारने नहीं देती. यह उनके अनुभव की कमी है, मगर मैं उनसे अनुभवी हूं इसलिए इस गठबंधन को टूटने नहीं दूंगी. मायावती ने उम्मीद जताई कि अखिलेश यादव धीरे-धीरे सियासत का तजुर्बा सीख जाएंगे.

मायावती की प्रेस कांफ्रेंस के तुरंत बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने समर्थन को लेकर रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया को धन्यवाद देना वाला ट्वीट डिलीट कर दिया. दरअसल, राज्यसभा चुनावों से पहले अखिलेश की डिनर पार्टी में राजा भैया भी पहुंचे थे. राजा भैया ने सपा को समर्थन देने की भी बात कही थी, जिसके बाद अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि समाजवादी पार्टी का समर्थन करने के लिए धन्यवाद.

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बीजेपी गठबंधन तोड़ने में जुटी

मायावती ने बीजेपी को आड़े हाथ लिया और कहा कि बसपा-सपा के एक साथ आने से बीजेपी की मुश्किलें बढ़ी हैं. बसपा-सपा गठजोड़ तोड़ने के लिए बीजेपी तमाम तरह की कोशिश कर रही है.

मायावती ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए गेस्ट हाउस कांड का भी उल्लेख किया और उस घटना के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को जिम्मेदार नहीं माना. मायावती ने कहा कि बीजेपी 2 जून 1995 के गेस्ट हाउस कांड की याद दिला रही है. यह हत्या करने की साजिश थी. बीजेपी उस घटना में शामिल पुलिसकर्मियों को आज बड़ा ओहदा देकर क्या साबित करना चाहती है? क्या वह मेरी हत्या चाहती है?

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