
आतंकी संगठन आईएसआईएस सीरिया, ईराक और अफगानिस्तान की तर्ज पर भारत में भी पैन इंडिया मॉड्यूल तैयार करने की कोशिश में है. एआईए की चार्जशीट में इस बात का खुलासा हुआ है कि सीरिया में बैठा हुआ शफी अर्मार उर्फ युसूफ अल हिंदी पूरे देश में अलग-अलग मॉड्यूल को ऑपरेट कर रहा है.
इतना ही नहीं शफी इस देश में आईएसआईए का आतंक फैलाने के लिए नक्सलियों से संपर्क साधा था ताकि नक्सलियों की मॉड्स ऑपरेंडी को समझ कर उसका इस्तेमाल कर सके. शफी ने आईएसआईएस के पैन इंडिया मॉड्यूल के लिए नक्सलियों से हथियार भी खरीदने की योजना बनाई थी. एनआईए की चार्जशीट में इस बात का भी खुलासा है कि शफी अर्मार हिंदुस्तान में भी खिलाफत के हिसाब से शूरा कौंसिल तैयार कर रहा था. इस शूरा में अमीर-ए-हिंद से लेकर अमीर-ए-अस्करी तक के अलग अलग जिम्मेदारी दे रहा था.
हथियार, ट्रेनिंग और धमाकों से लेकर संगठन के ढांचे को लेकर आईएसआईएस के भारतीय मॉड्यूल की 9 अहम मीटिंग्स हुई. शफी अर्मार ने सीरिया जाकर लड़ने और हिंदुस्तान में ही धमाके करने वाले लोगों के लिए अलग-अलग तैयारी की थी. हिंदुस्तान में जिस संगठन का ढांचा तैयार किया था, उसका नाम था जुनुद खलीफा अल हिंद. इस संगठन में उन तमाम लोगों को शामिल किया गया, जो भारत में ही आईएसआईएस के खलीफा अल बगदादी की खिलाफत के लिए आंतक फैलाना चाहते थे. इस काम के लिए पैसे से लेकर हथियार और ट्रेनिंग तमाम कामों के लिए शफी अर्मार सीरिया से आदेश भेजता था. लेकिन इस मॉड्यूल की शूरा बनाने की कोशिश में आपसी मतभेद हो गए जिसके चलते शूरा कौंसिल बनते बनते रह गई.
हरिद्वार में धमाकों को अंजाम देने की योजना बनी थी
शूरा के लिए अगली मीटिंग्स से पहले हरिद्वार में धमाकों को अंजाम देने का फैसला हुआ. आईएसआईएस ने भटकल के रहने वाले शफी अर्मार को पूरे देश की जिम्मेदारी सौंपी. इस के बाद
युसूफ अल हिंदी के नाम से शफी ने तैयार कर दिया पूरे देश में आईएसआईएस का एक आतंकी संगठन. 19 जुलाई को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में दाखिल की गई चार्जशीट के मुताबिक
शफी ने इस संगठन को खड़ा करने के लिए सिर्फ और सिर्फ इंटरनेट का सहारा लिया.
इस ग्रुप की सबसे पहली गिरफ्तारी मोहम्मद नासिर की हुई जो देश से निकल सूड़ान चला गया था और वहां से सीरिया जाने की तैयारी में था. लेकिन सूडान से वापस भेजे गए नासिर को एनआईए ने अपनी हिरासत में लिया और फिर उसके बाद हुए खुलासे से इन आरोपियों को पर निगाह रखनी शुरू कर दी. एनआईए इन लोगों की गतिविधियों पर निगाह रखे हुए थी. इसी बीच मुंबई के रहने वाले मुदब्बिर को शफी यहां की जिम्मेदारी सौंप दी थी. संगठन खड़ा करने और भर्ती किए लोगो के लिए ट्रेनिंग और हथियार के लिये भी पैसा मुदब्बिर तक पहुंचा. हवाला के जरिए पांच लाख 86 हजार रुपये आए. मुदब्बिर के अलावा शफी अर्मार इस ग्रुप के कई लोगो से सीधे संपर्क में था. इसके बाद मुदब्बिर को देश के अलग- अलग राज्यों में काम कर रहे मॉडयूल की पैसा बांटने की जिम्मेदारी भी दी गई. आईएसआईएस धमाके करने से पहे संगठन का एक बड़ा ढांचा खडा़ कर देना चाहा था. मीटिंग्स का दौर भी चला. मीटिंग्स मैंगलोर, टुमकुर, हैदराबाद, देवबंद और लखनऊ में हुई. 31 अक्तूबर 2015 की शाम ग्रुप के तमाम लोग लखनऊ पहुंचे और 1 नवंबर को संगठन के लिए शूर बनाने की मीटिंग शुरू हुई.
पैसों को लेकर फंसा प्लान
मीटिंग्स में लोगो ने दीनी तालीम की वजह से अजहर अमीर ए हिंद बनाने का फैसला किया लेकिन सीरिया में बैठा हुआ शफी अर्मार चाहता था कि मुदब्बिर को संगठन का अमीर नियुक्त
किया जाएं. मीटिग्स में हुए विवाद के चलते अमीर ए हिंद बनाने और शूरा कौंसिल के ढाचे पर कोई फैसला न हुआ. आईएसआईएस के जुनुद उल खलीफा अल हिंद के इन आरोपियों ने तय
किया कि जल्द से जल्द इस हिंदुस्तान में धमाकों को अंजाम दिया जाएं. दिसंबर 2015 में ट्रिलियन एप्स पर हुई बातचीत में मुदब्बिर ने शफी से ए के 47 खरीदने की बातचीत की ताकि एक
बड़े हमले अंजाम दिया जा सके. लेकिन शफी ने इतना पैसा न होने की बात की.
माचिस की तिल्लियों के सहारे बड़े धमाके को अंजाम देने का था प्लान
शफी ने एक मॉड्यूल को आईईडी और एक्सप्लोसिव का इस्तेमाल करने ट्रैनिंग और सलाह दी तो दूसरी ओर उत्तराखंड मॉड्यूल को माचिस की तिल्लियों के सहारे बड़े धमाके को अंजाम देने के
लिए कहा. इसके लिए एनआईए ने वो तमाम ईमेल और इंटरसेप्ट का जिक्र अपनी चार्जशीट में किया है जिनमें शफी ने पटाखों और तिल्लियों के सहारे बम बनाने की तकनीक बनाई थी. शफी
अर्मार सीरिया में बैठ कर इन लोगो में से कुछ को सीरिया बुलाने की योजना बना रहा था ऐसे ही दो लोग अब्दुल कदिर और अब्दुल अय्यूब सीरिया पहुंचने में कामयाब हो गए और बाकी लोग
आईएसआईएस का खौफ फैलाने में जुट गए.