
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपने भारत दौरे पर कहा है कि उनका देश अनिवार्य सैन्य शिक्षा दिए जाने की वजह से नई सोच विकसित करने में आगे है. नेतन्याहू मुंबई में दोनों देशों के व्यापारियों को संबोधित कर रहे थे.
नेतन्याहू ने गुरुवार को मुंबई में कहा कि अनिवार्य सैन्य सेवा से लोगों को असली शिक्षा मिलती है. वह भारत-इजरायल व्यापार सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा, 'आप मान सकते हैं कि हमारी प्रतिभा संभवत: हमारी शिक्षा प्रणाली का नतीजा है.'
इजरायली पीएम ने कहा, 'मैं यह नहीं कह रहा कि हमारी शिक्षा प्रणाली सबसे अच्छी है, लेकिन हमारी वास्तविक शिक्षा प्रणाली थलसेना में ही है.' उन्होंने कहा, 'हम अपनी आबादी का एक बड़ा हिस्सा थलसेना में लाते हैं, हम उन्हें इम्तिहान के जरिए परखते हैं और 21 या 22 साल की उम्र में उनके थलसेना से बाहर आते वक्त तक हम उन्हें इन तकनीकी स्कूलों में जाने की इजाजत देते हैं.'
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक नेतन्याहू ने कहा कि सेना में काम करने से हमारे युवाओं को अच्छा अनुभव और ज्ञान हो जाता है और वे फिर अपना रोजगार भी शुरू कर सकते हैं. उन्होंने आगे कहा, 'इजरायल में यह प्रतिभा लंबे समय से रही है, लेकिन हम कहीं नहीं देख सके, क्योंकि हमें नौकरशाही ने सीमित कर दिया था.'
नेतन्याहू इसी दौरे में इससे पहले भी दोनों देशों के बीच व्यापार को आसान बनाने के लिए नौकरशाही की भूमिका सीमित करने की वकालत कर चुके हैं.