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अंतरिक्ष में भारत की एक और सफल उड़ान, ISRO ने लॉन्च किया जीसेट-6A सेटेलाइट

इस सेटेलाइट का वजन 2,140 किलोग्राम है. इसकी लंबाई 49.1 मीटर है. यह श्रीहरिकोटा के सेकंड स्टेशन से लॉन्च किया. इस सेटेलाइट की सबसे बड़ी खासियत मल्टी बीम कवरेज सुविधा है. इसके जरिये भारत को नेटवर्क मैनेजमेंट तकनीक में मदद मिलेगी. यही नहीं, इसमें एस-बैंड कम्युनिकेशन लिंक के लिए 6 मीटर व्यास का एक एंटीना भी है. प्रक्षेपण यान जीएसलवी की 12वीं उड़ान होगी.

GSAT-6A कम्युनिकेशन सेटेलाइट का हुआ लॉन्च GSAT-6A कम्युनिकेशन सेटेलाइट का हुआ लॉन्च
अंकुर कुमार
  • नई द‍िल्‍ली,
  • 29 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 6:39 PM IST

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने GSAT-6A संचार उपग्रह को सफलतापूर्वक निर्धारित कक्षा में स्थापित कर दिया है. इसरो ने गुरुवार शाम 4.56 बजे GSAT-6A कम्युनिकेशन सेटेलाइट को GSLVF-08 रॉकेट के ज़रिए लॉन्च किया. इस सेटेलाइट की लाइफ 10 साल की होगी.

इस सेटेलाइट का वजन 2,140 किलोग्राम है. यह श्रीहरिकोटा के सेकंड स्टेशन से लॉन्च किया गया और 17 मिनट में अपनी कक्षा में प्रवेश कर लेगा. इस सेटेलाइट की सबसे बड़ी खासियत मल्टी बीम कवरेज सुविधा है. इसके जरिये भारत को नेटवर्क मैनेजमेंट तकनीक में मदद मिलेगी. यही नहीं, इसमें एस-बैंड कम्युनिकेशन लिंक के लिए 6 मीटर व्यास का एक एंटीना भी है. प्रक्षेपण यान जीएसलवी की 12वीं उड़ान है. रॉकेट की लंबाई 49.1 मीटर है.

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इसरो ने कहा कि उपग्रह की एक मुख्य बात मल्टी बीम कवरेज सुविधा के जरिये भारत को मोबाइल संचार प्रदान करना है. इस उपग्रह में एस-बैंड कम्युनिकेशन लिंक के लिए 6 मीटर व्यास का एक एंटीना लगा है. साथ सी-बैंड फ्रीक्वेंसी के लिए 0.8 मीटर का एक फिक्स्ड एंटीना हब कम्युनिकेशन लिंक के लिए लगा हुआ है. इस उपग्रह के प्रक्षेपण से सैटेलाइट आधारित मोबाइल कम्युनिकेशन उपकरणों के संचालन में काफी मदद मिलेगी.

उपग्रह के प्रक्षेपण के लिए रॉकेट में भी बदलाव किए गए हैं. सैटेलाइट को ले जाने वाले जीएसएलवी रॉकेट के पास दूसरे चरण के लिए उच्च स्तर का इंडक्शन लगा हुआ है. इसके अलावा रॉकेट इलेक्ट्रो हाइड्रोलिक एक्यूटेशन सिस्टम के बजाय इलेक्ट्रो केमिकल ऑटोमेशन का इस्तेमाल करेगा.

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