Advertisement

मोदी के 'गगनयान' के ऐलान से ISRO भी हैरान, लेकिन कहा- ये अच्छा कदम

अगर 2022 में भारत का मिशन सफल रहता है तो ऐसा करने वाला वह चौथा देश होगा. इससे पहले सोवियत यूनियन, अमेरिका और चीन अपने एस्ट्रोनॉट को खुद के यान से अंतरिक्ष में भेज चुके हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
नागार्जुन
  • नई दिल्ली,
  • 15 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 4:01 PM IST

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश को लालकिले से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि 2022 से पहले भारत का कोई बेटा या बेटी अंतरिक्ष में स्वदेशी गगनयान से पहुंचेगा. प्रधानमंत्री के इस ऐलान का इसरो ने तहेदिल से स्वागत किया है.

बुधवार दोपहर को मीडिया से बात करते हुए इसरो चेयरमैन के. शिवन ने कहा कि प्रधानमंत्री ने गगनयान मानवसहित स्पेसप्रोग्राम का ऐलान किया है, ये हमारे लिए खुशी की बात है. देश के लिए ये एक बड़ा तोहफा होगा. उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के जरिए युवा प्रोत्साहित होंगे, वहीं कई ऑर्गनाइजेशन, स्कूलों और अन्य लोगों को इसमें साथ जोड़ा जाएगा.

Advertisement

इसरो चेयरमैन के. शिवन ने कहा कि इस प्रकार के मिशन के लिए अधिकतम तकनीक R&D फंड से बनती है. हमें इसके लिए करीब 10 हजार करोड़ रुपये का फंड चाहिए होगा.

उन्होंने कहा कि हमें नहीं पता कि इस मिशन को कौन चलाएगा. इस पर हमें काम करना होगा, दो महीने में इसकी पहली प्रोजेक्ट रिपोर्ट सबमिट कर देंगे. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के इस ऐलान से हम हैरान हैं, लेकिन इसरो के लिए ये अच्छी बात है.

इसरो चेयरमैन ने कहा कि इस प्रोजेक्ट पर हर भारतीय को गर्व करना चाहिए. उन्होंने कहा कि हर कोई मेरे से ये पूछ रहा है कि क्या हम इसे 2022 तक पूरा कर सकेंगे. मैं कहना चाहूंगा कि ये एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है, ऐसे में इसके लिए हमें नई तकनीक पर काम करना होगा.

Advertisement

उन्होंने कहा कि हम इसके लिए छोटा ही बजट रखेंगे. इसके लिए बस अच्छे इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाओं की जरूरत होगी. उन्होंने कहा कि किसी मानवसहित प्रोजेक्ट से पहले हम मानवरहित प्रोजेक्ट पर काम करेंगे. उन्होंने ये भी बताया कि इस मिशन पर कौन जाएगा ये तय नहीं है, लेकिन लिंग के हिसाब से कोई भेदभाव नहीं होगा.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement