
भारतीय अतंरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) गुरुवार शाम अपना छठा नेविगेशन सेटेलाइट IRNSS-1एफ लॉन्च करेगा. इसे आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष स्टेशन से शाम 4 बजे प्रक्षेपित किया जाएगा. लॉन्च के लिए पीएसलवी सी 32 रॉकेट का इस्तेमाल किया जाएगा.
इस सेटेलाइट की मदद से भारत अमेरिका के ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम जैसा अपना नेविगेशन सिस्टम स्थापित कर सकेगा. हालांकि जीपीएस अभी भी दुनिया का सबसे सटीक जानकारी देने वाला नेविगेशन सिस्टम है.
IRNSS-1एफ 7 सेटेलाइटों की सीरीज में छठा सेटेलाइट है. इससे पहले इसरो जुलाई 2013 से इस साल जनवरी तक IRNSS-1ए, 1बी, 1सी, 1डी और 1ई लॉन्च कर चुका है. हर सेटेलाइट की लागत तकरीबन 150 करोड़ रुपये है.
मंगलवार को ही छठे सेटेलाइट के लॉन्च की उल्टी गिनती शुरू हो गई थी. इसके कुछ देर बाद ही साढ़ 54 घंटे का काउंटडाउन शुरू हो गया था. इसरो के अधिकारी के मुताबिक चार उपग्रहों के प्रक्षेपण के साथ हम 18 घंटे तक नेविगेशन प्रदान करने में सक्षम थे. लेकिन पांचवें प्रक्षेपण के बाद हमारी क्षमता 20 मीटर तक सटीकता के साथ 24 घंटे की हो गई. छठा उपग्रह आईआरएनएसएस-1एफ और सातवां उपग्रह आईआरएनएस-1जी इस मामले में और सटीक तथा सक्षम होंगे. ऐसा माना जा रहा है कि IRNSS सिस्टम इस साल के अंत तक काम करने लगेगा.