
पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव से मिलने जब उनकी मां और पत्नी पहुंची थी तो जाधव ने सबसे पहले अपने पिता का हाल पूछा. इस बारे में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज संसद में बताया कि, "कुलभूषण ने अपनी मां को देखते ही सबसे पहले पूछा कि बाबा कैसे हैं, क्योंकि जैसे ही उसने मां को बिना मंगलसूत्र और चूड़ी के देखा उसे शक हुआ कि कहीं कुछ अशुभ ना हो गया हो."
उन्होंने बताया कि मुलाकात के पहले कुलभूषण जाधव की मां के जूते पहले उतार दिए गए थे. उन्हें चप्पल पहनने दी गई थी. ऐसा पाकिस्तानी अफसरों ने इसीलिए ऐसा किया क्योंकि उन्हें शक था कि कहीं जूते में कैमरा या चिप तो नहीं लगा.
विदेश मंत्री ने आगे कहा कि, " कुलभूषण जाधव की मां और पत्नी जूते पहनकर 2 फ्लाइट्स में गई थी. अगर कुछ होता तो वहीं पकड़ा जाता. अगर उनके जूते में कुछ था तो उन लोगों को उसी वक्त मीडिया के सामने दिखाना चाहिए था. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं था. यह मुलाकात मानवता और सद्भाव के नाम पर हुई थी, लेकिन इस मुलाक़ात में मानवता तो गायब ही थी साथ ही सद्भावना भी नहीं थी."
मीडिया और पाकिस्तानी अफसरों ने मानवता अधिकारों का उल्लंघन किया. यह मुलाकात आगे की दिशा में बहने वाला कदम साबित हो सकता था, लेकिन बहुत खेद की बात है कि पाकिस्तान ने इसे हथकंडा के तौर पर इस्तेमाल किया. हमारी शर्त थी कि मीडिया को उनके परिवार के करीब नहीं आने दिया जाएगा, लेकिन ना सिर्फ पाकिस्तान में मीडिया उनके करीब आई बल्कि उनके ऊपर आपत्तिजनक आरोप लगाए.
भारत के अधिकारियों को रखा अंधेरे में..
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बताया कि जाधव की मां और पत्नी के साथ गए अफसरों से पाकिस्तानी अफसरों ने कई बातें छिपाई. भारतीय अफसरों को अंधेरे में रखा गया. भारत के जो अधिकारी उनके साथ गए थे उनको बिना बताए परिवार को पिछले दरवाजे से ले जाया गया. वरना वह लोग इस बात पर उसी समय आपत्ति दर्ज कराते.