
कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाई है. पार्टी के दिल्ली स्थित मुख्यालय में यह मीटिंग पूरी कराई जाएगी. सूत्रों के मुताबिक सदस्यों को अभी मीटिंग की टाइमिंग नहीं बताई गई है. बताया गया है कि पार्टी के सदस्यों से कहा गया है कि संसदीय कार्रवाही खत्म होने के बाद किसी भी समय पार्टी की बैठक बुलाई जा सकती है.
कांग्रेस के भीतर ही अनुच्छेद 370 को लेकर मतभेद है. मिलिंद देवड़ा, दीपेंद्र हुड्डा, अदिति सिंह समेत कई कांग्रेसियों ने अनुच्छेद 370 में बदलाव का समर्थन किया है.
अगर संसद में कार्यवाही ज्यादा देर तक चलेगी तो इस मीटिंग को टाला भी जा सकता है. इस मीटिंग में चर्चा की जाएगी कि पार्टी मेनिफेस्टो में अनुच्छेद 370 के खत्म न करने का जिक्र किया गया था. पार्टी का वही स्टैंड अब भी है. भले ही पार्टी के भीतर दो धड़े बंटे हों.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में शामिल गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, दिग्विजय सिंह सरीखे नेता इस बदलाव के विरोध में हैं. अब कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में अनुच्छेद 370 और जम्मू-कश्मीर के बंटवारे पर पार्टी अपना रुख साफ करेगी.
कश्मीर से अचानक अनुच्छेद 370 को हटाने का फैसला लेकर मोदी सरकार ने कांग्रेस की मुश्किल बढ़ा दी है. भले ही कांग्रेस ने संसद में मोदी सरकार के इस कदम का विरोध किया हो लेकिन पार्टी के भीतर इसको लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. राज्यसभा में जहां विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने इस मुद्दे पर सरकार को जमकर घेरा.
सोमवार को ही पहले संसद भवन परिसर में सोनिया गांधी और राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस और गिने-चुने विपक्षी नेताओं की बैठक हुई थी. इसमें फैसला हुआ कि पार्टी इसका विरोध करेगी. जो दलीलें तय हुईं, वो सभी आजाद ने राज्यसभा में बोलते हुए कह दीं.
पार्टी की दूसरी पंक्ति के तमाम नेता और कार्यकर्ता पार्टी के इस रुख से परेशान हैं. इसी को मुद्दा बनाते हुए राज्यसभा में कांग्रेस के चीफ व्हिप भुवनेश्वर कलिता ने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया. वहीं, वाईएसआर कांग्रेस, बीजेडी, एआईडीएमके के साथ ही विपक्षी दलों में बीएसपी और आप ने इस मसले पर सरकार का साथ देकर कांग्रेस के माथे पर बल बढ़ा दिए हैं.
अब पार्टी की बैठक के बाद ही कांग्रेस अनुच्छेद 370 और 35-ए पर पार्टी स्तर पर सही तरीके से अपना पक्ष रख पाएगी.