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J-K: हाइवे सील के फैसले पर तिलमिलाए फारूक और महबूबा, आदेश मानने से इनकार

जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने साफ कहा है कि वह केंद्र सरकार के हाइवे बंदी के आदेश को नहीं मानती हैं. तमतमायी महबूबा ने कहा कि ये हमारी सड़कें हैं, ये राज्य हमारा है और हम जब चाहेंगे इस पर निकलेंगे. महबूबा ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा वे लोग कश्मीरियों को कुचलना चाहते हैं, राज्य की आबादी का पैटर्न बदलना चाहते हैं और कश्मीर के लोगों को अपनी जमीन पर कैद करना चाहते हैं.

जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती (आजतक फाइल फोटो) जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती (आजतक फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 07 अप्रैल 2019,
  • अपडेटेड 5:52 PM IST

जम्मू-कश्मीर में हाइवे बैन पर घाटी की सियासत में उबाल आ गया है. जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने साफ कहा है कि वे केंद्र सरकार के इस आदेश को नहीं मानती हैं. तमतमायी महबूबा ने कहा कि ये हमारी सड़कें हैं, ये राज्य हमारा है और हम जब चाहेंगे इस पर निकलेंगे. महबूबा ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा वे लोग कश्मीरियों को कुचलना चाहते हैं, राज्य की आबादी का पैटर्न बदलना चाहते हैं, और कश्मीर के लोगों को अपनी जमीन पर कैद करना चाहते हैं, ऐसा मेरी लाश पर ही होगा.

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बता दें कि राज्य प्रशासन ने उत्तरी कश्मीर के बारामूला से जम्मू के उधमपुर तक 271 किलोमीटर लंबी सड़क पर नागरिक मूवमेंट पर दो दिनों के लिए रोक लगा दी है. रिपोर्ट के मुताबिक यह रोक रविवार और बुधवार को प्रभावी रहेगी. पुलवामा में 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमले के बाद ये फैसला लिया गया है. रविवार (7 अप्रैल) से यह रोक प्रभावी हो गई है. राज्य प्रशासन के मुताबिक जम्मू एवं कश्मीर में राजमार्ग पर सुरक्षा बलों के काफिले का सुरक्षित आवागमन सुनिश्चित करने के लिए नागरिक और सार्वजनिक परिवहन को हाइवे पर प्रतिबंधित किया है. राज्य प्रशासन के आदेश में कहा गया कि रविवार और बुधवार को सुबह 4 बजे से शाम 5 बजे तक सिर्फ सुरक्षा बलों के काफिले को राजमार्ग पर यात्रा की इजाजत होगी.

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महबूबा मुफ्ती की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और उमर अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इस बैन का जोरदार विरोध किया है. इस बैन के विरोध में जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती रविवार को इसी सड़क पर उतरीं. महबूबा ने ट्वीट कर कहा, "राज्यपाल शासन के आदेश के खिलाफ आज प्रदर्शन किया, आप हमारे मुख्य हाइवे पर नागरिकों की आवाजाही पर रोक कैसे लगा सकते हैं, आप कश्मीरियों का गला घोंटना चाहते हैं, राज्य की डेमोग्राफी बदलना चाहते हैं और उन्हें  अपनी ही जमीन पर कैद करना चाहते हैं, मेरी लाश पर ही होगा." महबूबा ने कहा अगर भारत सरकार सोचती है कि इस तरह की हरकतें कर लोगों को दबाएगी तो ये बहुत गलत है. महबूबा ने कहा कि वो इस आदेश के खिलाफ अदालत जा रही हैं. 

महबूबा ने कहा कि कश्मीर कश्मीरियों का है और उन्हें अपनी सड़कों पर चलने के लिए इजाजत लेनी पड़ रही है, ये वो होने नहीं देंगी. महबूबा ने कश्मीरियों से इस बैन को ना मानने की अपील की. उन्होंने कहा कि लोग जब चाहें, जहां चाहें अपनी गाड़ियों से जाएं.

जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि आर्मी को ट्रेनों का इस्तेमाल करना चाहिए, या फिर उन्हें रात में सफर करना चाहिए, ताकि लोगों पर इसका असर नहीं पड़े. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार को इस आदेश को वापस लेना चाहिए.

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