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J-K के प्रधान सचिव बोले- ज्यादातर पाबंदियां हटाई गईं, सोशल मीडिया पर लगी रहेगी रोक

जम्मू और कश्मीर से धारा 370 हटाए 5 महीने से ज्यादा वक्त हो चुका है. घाटी में हालात सामान्य हो रहे हैं. इंटरनेट और एसएमएस सेवा पर लगी पाबंदियों को भी हटाया जा रहा है.

कश्मीर में हटाई जा रही हैं पाबंदियां (फाइल फोटो-IANS) कश्मीर में हटाई जा रही हैं पाबंदियां (फाइल फोटो-IANS)
सुनील जी भट्ट
  • श्रीनगर,
  • 15 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 5:40 PM IST

  • कश्मीर घाटी में लगी पाबंदियों में दी जा रही है ढील
  • जम्मू में लैंडलाइन, SMS और ब्रॉडबैंड सेवाएं शुरू
  • 5 जिलों में 2जी सेवाएं शुरू, सोशल मीडिया पर रोक

जम्मू और कश्मीर से धारा 370 हटाए 5 महीने से ज्यादा वक्त हो चुका है. घाटी में हालात सामान्य हो रहे हैं. इंटरनेट और एसएमएस सेवा पर लगी पाबंदियों को भी हटाया जा रहा है. इसे लेकर जम्मू और कश्मीर के प्रधान सचिव रोहित कंसल ने बुधवार को जानकारी दी. उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर में ज्यादातर पाबंदियां हटा ली गई हैं. जम्मू में लैंडलाइन, एसएमएस और ब्रॉडबैंड सर्विस काम कर रही है.

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रोहित कंसल ने कहा कि आतंकवादी घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं और वे इंटरनेट का दुरुपयोग कर सकते हैं. उन्होंने आगे कहा कि सरकारी दफ्तर, स्कूल और अस्पतालों में मोबाइल फोन सर्विस, एसमएस सेवा और ब्रॉडबैंड की सेवा बहाल कर दी गई है. जम्मू के 5 जिलों में 2जी सेवा बहाल कर दी गई है, लेकिन सोशल मीडिया फिलहाल काम नहीं करेगा.

एक सरकारी बयान में कहा गया कि यह आदेश 15 जनवरी यानी आज से लागू होगा और सात दिनों तक जारी रहेगा. अपने तीन पेज के आदेश में प्रशासन ने कहा कि कश्मीर संभाग में अतिरिक्त 400 इंटरनेट कियोस्क स्थापित किए जाएंगे. इंटरनेट सेवा प्रदाता आवश्यक सेवाओं वाले सभी संस्थानों, अस्पतालों, बैंकों के साथ-साथ सरकारी कार्यालयों में ब्रॉडबैंड सुविधा (मैक बाइंडिंग के साथ) उपलब्ध कराएंगे.

सुप्रीम कोर्ट ने इंटरनेट शुरू करने को दिया था आदेश

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जम्मू-कश्मीर में लगाए प्रतिबंधों के मामले पर बीते सप्ताह सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी. कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद और अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इंटरनेट का अधिकार, अभिव्यक्ति के अधिकार के तहत आता है और यह भी मूलभूत अधिकार हैं. सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से अस्पतालों, शैक्षणिक संस्थानों जैसी आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाली सभी संस्थाओं में इंटरनेट सेवाओं को बहाल करने के लिए कहा था.

कब से लागू है घाटी में पाबंदी?

केंद्र सरकार ने जम्मू और कश्मीर से 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 और 35ए को हटा दिया था. इस संवैधानिक प्रक्रिया से घाटी का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त हो गया था. साथ ही केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख क्षेत्र को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था. केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद घाटी में परिस्थितियां न बिगड़ें, इसके मद्देनजर कुछ पाबंदियां लगाई गई थीं.

कश्मीर घाटी की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई थी, साथ ही इंटरनेट, टेलीफोन और मोबाइल फोन सेवाओं पर रोक लगा दी गई थी. लैंडलाइन सेवाएं कुछ दिनों बाद बहाल कर दी गई थीं, वहीं घाटी में मोबाइल फोन इंटरनेट पर पाबंदी अभी भी है. स्थानीय प्रशासन समय-समय पर पाबंदियों में ढील दे रहा है. प्रशासन का कहना है कि जब कश्मीर में स्थिति सामान्य हो जाएगी तो सभी सेवाएं बहाल कर दी जाएंगी.

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