
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के तीन हफ्ते बाद घाटी में हालात सामान्य हो रहे हैं. स्कूल और कॉलेज खोले जा चुके हैं और सड़कों पर भी पहले की तरह आवाजाही शुरू हो गई है. लैंडलाइन सुविधाएं भी सामान्य हो गई हैं. प्रशासन का कहना है कि आने वाले कुछ समय में तमाम पाबंदियों को हटा दिया जाएगा.
इस बीच नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर पर मंत्री समूह के गठन की खबर से इनकार कर दिया है. प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने इसका खंडन किया है. पहले अपुष्ट सूत्रों के हवाले से खबर आई थी कि मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर पर मंत्री समूह का गठन किया है, जिसमें केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, थावर चंद गहलोत, डॉ जितेंद्र सिंह, नरेंद्र तोमर और धर्मेंद्र प्रधान शामिल हैं.
हालांकि नरेंद्र मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर पर लगातार एक्टिव नजर आ रही है. इससे पहले मंगलवार को 15 मंत्रालयों और विभागों के सचिवों की बैठक हुई थी, जिसमें इस बात पर चर्चा हुई कि जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश में कैसे तब्दील किया जाए और वहां हालात कैसे सामान्य हों. इसके अलावा विकास कार्यों और संपत्तियों और मैनपावर के विभाजन की चर्चा भी इस बैठक में की गई.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए जम्मू-कश्मीर को लेकर अपने विज़न को सामने रखा था, अब इसी को ज़मीन पर उतारने का काम हो रहा है. अब जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश है, साथ ही जबतक वहां परिसीमन नहीं होता है और नई सरकार नहीं बनती है तब तक केंद्र के जिम्मे ही वहां की सभी व्यवस्थाएं रहेंगी.