
रमजान के महीने में भी पाकिस्तान ने 12 बार सीजफायर का उल्लंघन किया इसके साथ ही 42 बार किए सुरक्षाबलों पर हमले किए. रमजान के पाक महीने में जम्मू कश्मीर में शांति बहाल करने के मकसद से भारत ने किसी भी तरह के ऑपरेशन को आंशिक तौर पर रद्द करने का फैसला लिया. लेकिन 29 मई से अब तक पाकिस्तान ने एलओसी पर 12 से ज्यादा बार सीजफायर को तोड़ा, जिसमें सेना का 1 जवान शहीद हो गया. वहीं जम्मू में बीएसएफ के 4 जवान भी पाक फायरिंग में शहीद हो गए.
'आजतक' को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक कश्मीर में शांति की पहल को केंद्र सरकार आगे मौका देना चाहती है. इस बीच सरकार के उच्च सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार आतंकी घटनाओं के बावजूद कश्मीर में सीजफायर को बढ़ाने के पक्ष में है. हालांकि इस बारे में अंतिम फैसला सेना, सुरक्षाबलों और सभी पक्षों से राय लेने के बाद किया जाएगा.
इसके साथ ही हाल में कश्मीर तीन घुसपैठ की कोशिशें भी की गईं जिसमें सेना ने 14 आतंकियों को मार गिराया. सीजफायर के बाद से अब तक आतंकियों ने घाटी में सुरक्षाबलों पर कुल 42 हमले किए. आतंकियों ने घाटी में अलग- अलग इलाकों में 19 ग्रेनेड अटैक किए जो कि पिछले कई सालों में सबसे ज्यादा हैं.
आतंकियों ने 9 बार हथियार लूटने की घटनाओं को अंजाम दिया तो वहीं 9 बार गोलीबारी की घटनाओं को अंजाम दिया. वहीं अगर 29 मई से पहले के आंकड़ों पर गौर करें तो इस साल एलओसी पर पाकिस्तान ने 917 सीजफायर तोड़ा, जिसमें सेना के 11 जवान शहीद हुए. घाटी में सीजफायर से पहले के आंकड़ों पर नजर डालें तो इस साल 55 आतंकी हमलों को अंजाम दिया गया जिनमें 14 सेना के जवान शहीद हुए.