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शर्तों के साथ भारत का हिस्सा जम्मू कश्मीर, जा सकते थे पाकिस्तान: महबूबा मुफ्ती

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि शर्त के आधार पर ही कश्मीर भारत का हिस्सा बना. जम्मू-कश्मीर में 60 से 70 फीसदी मुस्लिम हैं. मुस्लिम बाहुल्य होने के बाद भी हम पाकिस्तान के साथ क्यों नहीं गए. हमने भारत को इन्हीं शर्तों पर चुना.

महबूबा मुफ्ती (फोटो-  PTI) महबूबा मुफ्ती (फोटो- PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 05 अप्रैल 2019,
  • अपडेटेड 1:50 PM IST

जम्मू कश्मीर इस वक्त सुर्खियों में है. धारा 370 समेत कई मसलों पर जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती काफी तल्ख नजर आ रही हैं. 'आजतक' से खास बातचीत में महबूबा ने कहा कि धारा 370 हटाने का मतलब भारत से कश्मीर को काट देना है.

श्रीनगर में इंडिया टुडे के कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई से खास बातचीत करते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जम्मू-कश्मीर मुस्लिम बाहुल्य राज्य है. बहुत ही खास हालात में कश्मीर का भारत के साथ विलय हुआ था, इसमें कई शर्तें थी. ये बाकी राज्यों की तरह नहीं है. भारतीय संविधान के तहत हमें धारा 370, विशेष दर्जा और अलग झंडे को लेकर गारंटी दी गई. हमारे रिश्तों की बुनियाद यही है. अगर आप इन शर्तों को खत्म करते हैं तो भारत से कश्मीर का रिश्ता खत्म हो जाएगा.

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'शर्त के आधार पर भारत का हिस्सा बना कश्मीर'

जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने कहा कि शर्त के आधार पर ही कश्मीर भारत का हिस्सा बना. जम्मू-कश्मीर में 60 से 70 फीसदी मुस्लिम हैं. मुस्लिम बाहुल्य होने के बाद भी हम पाकिस्तान के साथ क्यों नहीं गए. हमने भारत को इन्हीं शर्तों पर चुना. धारा 370 और 35ए एक पुल की तरह है. अगर आप इसे खत्म करेंगे तो भारत और कश्मीर का रिश्ता भी खत्म हो जाएगा.

वहीं बीजेपी के साथ गठबंधन होने के सवाल पर महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जब हमने बीजेपी के साथ हाथ मिलाया था तब कहा गया था कि धारा 370 के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं होगी. बीजेपी इसके लिए राजी भी हो गई थी. इन्हीं सब बातों के साथ हम बीजेपी के साथ गए थे.

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कश्मीर का अपना पीएम होने वाले बयान को लेकर पूछे गए सवाल पर महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जब चुनाव आता है तो नेशनल कॉन्फ्रेंस को अलग प्रधानमंत्री होने की बात याद आती है. वह बहुमत के साथ सरकार बना चुकी है. उस दौरान उन्होंने अलग पीएम होने की बात नहीं की. शेख अब्दुल्ला ने इस तरह की बात कभी नहीं की. जहां तक पीडीपी की बात है तो हमारा मानना है कि कश्मीर कुछ शर्तों पर भारत का हिस्सा बना है और अगर ये शर्तें टूटती हैं तो हमारा रिश्ता भी टूट जाएगा.

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