
जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल 2019 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दे दी है. इससे पहले यह बिल राज्यसभा और लोकसभा से पास हो चुका था. राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही अब जम्मू कश्मीर दो हिस्सों में बंट चुका है और जम्मू कश्मीर और लद्दाख दो नए केंद्र शासित प्रदेश बन चुके हैं.
हाल ही में 17वीं लोकसभा के पहले सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों में इससे संबंधित विधेयक पारित किया गया था. इसके तहत जम्मू-कश्मीर राज्य दो भागों में विभाजित होगा. जम्मू-कश्मीर को विधानसभा के साथ केंद्र शासित प्रदेश जबकि लद्दाख को बिना विधानसभा के केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है.
कई विपक्षी पार्टियों के विरोध के बावजूद इस विधेयक को मंगलवार को सात घंटे की चर्चा के बाद संसद में पारित किया गया. इससे एक दिन पहले ही इसे राज्यसभा में पारित किया गया था.
नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 समाप्त कर ऐतिहासिक कदम उठाया. सोमवार को राज्यसभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इसकी घोषणा की. कांग्रेस भले ही खुले तौर पर अनुच्छेद 370 को हटाने और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल का जमकर विरोध कर रही हो, लेकिन पार्टी के कई नेता मोदी सरकार के फैसले का समर्थन कर रहे हैं. इस तरह से कांग्रेस में फूट दिख रही है तो मोदी सरकार मजबूत खड़ी नजर आ रही है. साथ ही विपक्ष भी इस मुद्दे पर पूरी तरह बंटा हुआ दिखा.
भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने एक संवैधानिक आदेश में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को असरहीन करने का आदेश दिया था. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के खंड एक को छोड़कर सभी प्रावधानों को खत्म कर दिया गया है. इसके साथ ही गृहमंत्री ने जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बांट दिया, इसमें जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश प्रदेश बना दिया गया है.