
तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता का निधन 4 दिसंबर, 2016 को शाम 5.15 बजे ही गया था, लेकिन अस्पताल ने एक दिन बाद इसकी घोषणा की. जेल में बंद AIADMK नेता शशिकला के भाई वी. दिवाकरन ने यह दावा किया है.
दिवाकरन ने कहा कि अस्पताल ने अपनी सुरक्षा और व्यवस्था को देखते हुए एक दिन बाद इसकी घोषणा की. टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार, पूर्व मुख्यमंत्री एम जी रामचंद्रन की पुण्यतिथि के अवसर पर तमिलनाडु के तिरुवरूर जिले में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दिवाकरन ने कहा, 'अम्मा का निधन 4 दिसंबर, 2016 को ही शाम सवा पांच बजे हो गया था. उनकी मौत की खबर सुनकर मैं उसी रात चेन्नई के अपोलो अस्पताल पहुंचा. लेकिन मैंने देखा कि अम्मा को अब भी वेंटिलेटर पर रखा गया है.'
गौरतलब है कि AIADMK के दिनाकरन गुट ने कुछ दिनों पहले जयललिता के अस्पताल में रहने के दौरान का एक वीडियो जारी कर यह सवाल उठाने की कोशिश की थी कि वे स्वस्थ हो गई थीं, फिर आखिर उनकी मौत कैसे हुई.
अब दिवाकरन के इस दावे से जयललिता की मौत को लेकर फिर नए सवाल खड़े हो गए हैं. दिवाकरन के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए अपोलो अस्पताल ने कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ गलत सूचनाओं के आधार पर पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता के निधन की तिथि और समय के बारे में बेवजह भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है, जबकि उनकी मौत 5 दिसंबर, 2016 को हुई थी.
जयललिता की मौत के बारे में इतने दावे-प्रतिदावे इसलिए किए जा रहे हैं, क्योंकि उनके अंतिम दिनों में अस्पताल में उनसे किसी को मिलने की इजाजत नहीं दी जा रही थी. कई वर्षो से जयललिता की करीबी सहयोगी रही वी. के. शशिकला को ही उनसे मिलने दिया जाता था.
आपको बता दें कि जयललिता को पिछले साल 22 सितम्बर की रात खराब स्वास्थ्य की वजह से अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था और पांच दिसंबर को उनका निधन हो गया था.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने जयललिता की मौत की जांच सेवानिवृत्त न्यायाधीश से कराने के सरकार के निर्णय की घोषणा की है. जयललिता की मौत के बाद, उनकी मौत के पीछे षड्यंत्र का अनुमान लगाया जा रहा है और कई आलोचक जेल में बंद शशिकला की ओर भी अंगुली उठा रहे हैं.