
चेन्नई में अन्नाद्रमुक मुख्यालय के बाहर शनिवार को एक आदमकद धातु की प्रतिमा का अनावरण हुआ, जीत का प्रतीक बनाते हुए दो उंगलियां हवा में उठी है, जो पार्टी के चुनावी निशान दो पत्ती का द्योतक हैं. प्रतिमा मुस्कुराते हुए एक ऐसे विजयी नेता की याद ताजा करती है, जो हजारों मंचों से सैकड़ों सभाओं में विशाल जनसमूह के दिलों पर राज करती थी.
लगभग हर कोण से प्रतिमा में अन्नाद्रमुक की अम्मा की झलक मिलती है, जो अगर जिंदा होतीं, तो आज अपना 70वां जन्मदिन मनातीं. लेकिन अगर आप गौर से देखें तो अम्मा की याद में लगाई गई इस प्रतिमा का चेहरा जे. जयललिता का नहीं लगता, वो चेहरा जो मुस्कुरा रहा है, अम्मा का नहीं लगता.
पता नहीं इसके लिए किसे जिम्मेदार ठहराया जाए... कलाकार की अयोग्यता? प्रतिभा की कमी? या जल्दबाजी? चाहे जो हो, लेकिन ये खामी, देखने वाले की नजरों से छुप नहीं पाती.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पलानीसामी और उप मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम के हाथों प्रतिमा अनावरण के बाद एक्टर कस्तूरी शंकर ने ट्वीट कर कहा - 'मैं प्रतिमा और अन्नाद्रमुक के दूरदर्शियों को बधाई देती हूं, जिन्होंने ये टू इन वन पीस बनवाया है. इस पर टोपी और चश्मा रख दीजिए. इसमें आपको एमजीआर की झलक मिलेगी. हटा दीजिए. आपको अम्मा नजर आएंगी.'
शंकर ने अपने ट्वीट में इस बात की भी आशंका जताई कि कहीं ये वीके शशिकला को सम्मानित करने की साजिश तो नहीं है.
एक समय जयललिता की सहयोगी रही शशिकला आय से अधिक संपत्ति मामले में जेल में हैं. शशिकला को जयललिता की मौत के कुछ समय बाद ही सजा सुनाई गई. शशिकला के पास अन्नाद्रमुक के कुछ सांसदों का भी जबरदस्त समर्थन था. हाल ही में जयललिता की सीट पर हुए उपचुनाव में शशिकला के भतीजे टीटीवी दिनाकरण ने जीत हासिल की है.
सोशल मीडिया पर लोग ट्वीट कर इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं.
इस मौके पर पार्टी के आधिकारिक तमिल दैनिक नमाधु पुरात्ची तलाइवी अम्मा (हमारी क्रांतिकारी नेता अम्मा) की भी शुरूआत की गई. जयललिता की जयंती के मौके पर पूरे प्रदेश में अन्नाद्रमुक कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह कार्यक्रमों का आयोजन किया.