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प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने आर्थिक संकट से जूझ रहे प्राइवेट एयरलाइन जेट एयरवेज को वित्तीय संकट से उबारने के लिए एक इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है. नागरिक उड्डयन सचिव प्रदीप सिंह खरोला ने कहा है कि जेट की सेवाएं 15 अप्रैल तक हर हाल में बाधित रहेंगी. जेट एयरवेज के पास सप्ताह में केवल 6 से 7 एयरक्राफ्ट उड़ाने भर का पैसा है. जेट के सभी एयरक्राफ्टों की रनिंग ऋणदताओं की ओर से दिए गए फंडिंग पर निर्भर है.
आर्थिक संकट का सामना कर रहे जेट एयरवेज ने नकदी की कमी के चलते अपने सभी अंतराष्ट्रीय उड़ानों को 15 अप्रैल तक रद्द कर दिया है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले बैंकों के समूह की ओर से हिस्सेदारी की बिक्री के लिए तय की गई बोली की समयसीमा शुक्रवार को खत्म हो गई. फिलहाल बैंकों का समूह एयरलाइन के नियमित उड़ान पर नजर रख रहा है. पहले यह बोली बुधवार को खत्म होने वाली थी लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर शुक्रवार तक के लिए आगे बढ़ा दिया गया था.
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एयरलाइन के संस्थापक नरेश गोयल, संयुक्त अरब अमीरात की एत्तिहाद एयरवेज, एयर कनाडा और अन्य निवेशकों ने एयरलाइन के लिए बोलियां सौंपी हैं.
एयरलाइन ने अपनी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को अस्थायी तौर पर निलंबित रखने का ऐलान गुरुवार को किया था. लीज का किराया नहीं भर पाने की वजह से 10 अन्य विमानों के उड़ान से बाहर होने के बाद जेट एयरवेज ने पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत की ओर जाने वाली फ्लाइटों को रद्द करने की घोषणा की थी.
एयरलाइन से जुड़े हुए सूत्रों का कहना है कि 'नकदी की बहुत अधिक कमी के कारण जेट ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को निलंबित रखने के फैसले को सोमवार तक बढ़ाने का फैसला किया है.'
जेट अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में विमान सेवायें देने वाली सबसे बड़ी घरेलू एयरलाइन रही है. उसके अंतरराष्ट्रीय उड़ान का एम्सटर्डम मुख्य केन्द्र रहा है. मंगलवार को लीज किराया का भुगतान नहीं होने की वजह से एक एजेंट ने एम्सटर्डम में जेट का विमान अपने कब्जे में ले लिया. इसकी वजह से उस दिन जेट की एम्सटर्डम- मुबई उड़ान निरस्त हो गई. और भी कई उड़ानें रद्द की गई.