
झारखंड के खूंटी जिले का हेसेल गांव कोई साधारण गांव नहीं है. इस गांव में जन्मी निक्की प्रधान लगातार दूसरी बार ओलंपिक के लिए भारतीय हॉकी टीम में जगह बनाने सफल रही हैं. निक्की ओलंपिक में जाने वाली झारखंड की पहली महिला बन गई हैं, जो 2016 में रियो ओलंपिक के बाद अब टोक्यो ओलंपिक में अपना जौहर दिखाएंगी.
मुरहू प्रखंड का हेसेल गांव इसलिए भी मशहूर है क्योंकि इस गांव से अब तक 26 राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय एवं स्टेट लेवल खिलाड़ी निकले हैं. इसमें से 13 लोग खेल के बदौलत सरकारी नौकरी में हैं. इसी में निक्की प्रधान का नाम भी शामिल है.
ओलंपिक में जा रही निक्की की इस सफलता से पूरा गांव खुश है. पुलिस से रिटायर्ड पिता सोमा प्रधान एवं मां जीतन देवी अपनी बेटी की सफलता से बेहद खुश हैं. मां का कहना है कि निक्की बचपन से ही खेलने में तेज थी. उन्होंने बताया कि कोच दशरथ महतो ने निक्की का खेल देख प्रशिक्षण दिया. उसी की बदौलत बेटी ने आज यह मुकाम हासिल किया है.
गौरतलब है कि 60 परिवारों वाले इस छोटे से गांव हेसेल से ओलंपियन निक्की प्रधान समेत 26 राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय एवं स्टेट लेवल की खिलाड़ी निकले हैं. खास बात यह है कि इन खिलाडि़यों में सभी लड़कियां ही हैं. 13 लड़कियां आज विभिन्न जगहों पर सरकारी नौकरी कर रही हैं.
हेसेल गांव से जिन लड़कियों ने हॉकी में स्थान बनाया है, उनमें पुष्पा प्रधान, निक्की प्रधान, शशि प्रधान (तीनों सगी बहनें) नीलम पूर्ति, सुमन तिड़, नीलम मुंडू, रेशमा मिंजूर, गांगी मुंडू, रश्मि मुंडू, प्रिया एक्का, आशा कुमारी, ममता कुमारी, सुशीला कंडुलना, एतवारी मुंडू, बिरसी मुंडू, रूकमनी डोडराय, मुक्ता मुंडू, डेजी मुंडू, कांति प्रधान, सरिन प्रधान, सरानी मिंजूर, शांति तिडू, नंदिता मुंडू, करमी तिड़ व शिलवंती मिंजूर शामिल हैं.
(खूंटी से अरविंद सिंह)