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मालाबार युद्धाभ्यास में भाग ले रहे भारतीय, अमेरिकी और जापानी युद्धपोतों की ये है खासियत

अमेरिकी नौसेना के रियर एडमिरल विलियम बर्न ने साफ किया कि चीन के लिए भी साफ सन्देश है कि समंदर में किसी की दादागिरी नहीं चल सकती. बंगाल की खाड़ी में हो रहे इस सालाना अभ्यास में बड़ी संख्या में तीनों देशों के विमान, नौसेना की परमाणु पनडुब्बियां और जंगी जहाज हिस्सा ले रहे हैं.

संयुक्त युद्धाभ्यास में भारत, अमेरिका और जापान के नौसैनिक संयुक्त युद्धाभ्यास में भारत, अमेरिका और जापान के नौसैनिक
सुरभि गुप्ता/मंजीत नेगी
  • नई दिल्ली,
  • 10 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 6:40 PM IST

सिक्किम में भारत और चीन की सेनाओं के बीच तनातनी के दौरान दूसरा भारत, अमेरिका और जापान का संयुक्त मालाबार युद्ध अभ्यास शुरू हो गया. ये नौसैनिक अभ्यास बंगाल की खाड़ी में 10 जुलाई से 17 जुलाई, 2017 तक चलेगा. इस मौके पर तीनों नौसेना के टॉप कमांडर मौजूद रहे. अमेरिकी नौसेना के रियर एडमिरल विलियम बर्न ने साफ किया कि चीन के लिए भी साफ सन्देश है कि समंदर में किसी की दादागिरी नहीं चल सकती.

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बंगाल की खाड़ी में हो रहे इस सालाना अभ्यास में बड़ी संख्या में तीनों देशों के विमान, नौसेना की परमाणु पनडुब्बियां और जंगी जहाज हिस्सा ले रहे हैं. नौसेना की पूर्वी कमान के प्रमुख वाइस एडमिरल हरीश चंद्र बिष्ट ने इस युद्ध अभ्यास में शामिल युद्धपोतों की जानकारी दी.

समंदर में बढ़ती चीन की गतिविधियां

'आज तक' से खास बातचीत में एडमिरल बिष्ट ने साफ किया कि समंदर में चीन की बढ़ती गतिविधियों की जानकारी है और उससे निपटने में भारत सक्षम  है. ये युद्ध अभ्यास देश विरोधी तत्वों के लिए साफ सन्देश है.

ये हैं युद्धाभ्यास में शामिल पोत

इस बार युद्धाभ्यास में अमेरिका के सात युद्धपोत, जिसमें एक विमान वाहक युद्धपोत यूएसएस निमिट्ज और एक सबमरीन शामिल है. जबकि जापान ने दो युद्धपोत भेजे हैं. भारत का विमान वाहक युद्धपोत विक्रमादित्य, दो शिवालिक क्लास के युद्धपोत, दो रणवीर, दो कामोर्टा, तीन कोरा, एक टैंकर ज्योति, एक सिन्धु ध्वज सबमरीन, पी 8 आई निगरानी हवाई जहाज इसमें शामिल है. कुल मिलाकर मालाबार युद्ध अभ्यास में जंगी जहाज, हवाई जहाज और हेलीकॉप्टर समेत कुल मिलाकर 90 जहाज हिस्सा ले रहे हैं.

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आईएनएस  शिवालिक की खासियत

इस सुंयक्त अभ्यास में शामिल आईएनएस शिवालिक अत्‍याधुनिक हथियारों से लैस है. इनमें इजरायल में बनी सतह से हवा में मार करने वाली बराक मिसाइल, लंबी दूरी की एंटी शि‍प मिसाइलें, मध्‍यम और कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें और कई प्रकार की तोपें हैं, जो इसे किसी भी हमले से निपटने में सक्षम बनाती है. इसी के साथ आईएनएस शिवालिक में तैनात कई भूमिका निभाने वाले दो हेलीकॉप्‍टर भी इसकी मारक क्षमता में बढ़ोतरी करते हैं. 2010 में नौसेना में शामिल हुए आईएनएस  शिवालिक में 25 अधिकारी और 255 नौसैनिक कार्यरत हैं.

अमेरिकी युद्धपोत प्रिंसटन

अमेरिकी युद्धपोत प्रिंसटन का जायजा लेने के दौरान  पता चला कि ये अमेरिकी नौसेना का 30 साल पुराना युद्धपोत है, जो गल्फ वॉर में हिस्सा ले चुका है. इसकी लंबाई 135 मीटर लंबी है. इसमें 400 नौसैनिक सवार होते हैं.

अमेरिका की तरफ से शक्तिशाली युद्धपोत

यूएसएस प्रिंसटन नैम हॉक मिसाइल और दूसरी अमेरिकी मिसाइल से लैस है. अमेरिका इस युद्धाभ्यास के लिए गाइडेड मिसाइल क्रूजर यूएसएस प्रिंसटन (सीजी 59), गाइडेड मिसाइल विध्वंसक यूएसएस हावर्ड के अलावा अन्य कई बेहद शक्तिशाली युद्धपोत व सबसे प्रतिष्ठित सबमरिन लॉस एजेंल्स को भी भेज रहा है. हाल के वर्षो में किसी भी युद्धाभ्यास में अमेरिका की तरफ से भेजी गई यह सबसे शक्तिशाली युद्धपोतों व नौसैनिकों की फौज है.

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जापान ने भेजे हैं दो युद्धपोत

मालाबार अभ्यास में जापान ने दो युद्धपोत भेजे हैं. युद्धाभ्यास में जापान अपना 27 हजार टन वजनी हेलिकॉप्टर करियर इजुमो और अन्य जंगी बेड़े लेकर आया है. खास बात है कि 9 हेलिकॉप्टर ढो सकने में सक्षम यह जापानी बेड़ा पनडुब्बी विरोधी युद्ध के लिए इस्तेमाल होता है. इसलिए मालाबार अभ्यास के 21वें संस्करण में पनडुब्बी को शिकार बनाने पर विशेष जोर होगा.

72 साल बाद जापान ने युद्धाभ्यास पर भेजी अपनी सेना

सजानामी युद्धपोत की लंबाई 249 मीटर है. इस युद्धपोत पर एक साथ 9 हेलीकॉप्टर उतारे जा सकते हैं. बता दें कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद यानी 72 साल पहले जापान ने युद्ध ना लड़ने का फैसला किया था.  ये चीन की ही बढ़ती दादागिरी है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अब यह पहला मौका है जब जापान ने अपनी सेना को युद्ध अभ्यास में भेजा है. कुछ दिनों पहले जापान ने कानून बनाया था जिसके तहत सैनिक अपने सदस्य दलों की मदद के लिए उतर सकते हैं.

अमेरिकी युद्धपोत कार्ल विंसन की खूबियां

अमेरिका का युद्धपोत कार्ल विंसन 97 हजार टन भारी है और टॉमहॉक मिसाइलों से लैस है. कार्ल विंसन में दर्जनों जेट्स और कम से कम 5 हजार अमेरिकी सेलर्स तैनात हैं, लेकिन ऐसा कहा जा रहा है कि कार्ल विंसन में मिसाइलों को ध्वस्त करने वाली क्षमताएं नहीं हैं.

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