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पचास साल में जितने काम नहीं हुए उतने 50 दिन में हुएः जेपी नड्डा

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मोदी सरकार के 50 दिन पूरे होने पर केंद्र सरकार की जमकर तारीफ की है. उन्होंने शुक्रवार को कहा कि मोदी सरकार के 50 स्वर्णिम दिन हुए हैं. 50 साल में जितने काम नहीं हुए थे उतने से ज्यादा काम 50 दिन में हुए हैं. जल से चांद तक काम हुए हैं.

जेपी नड्डा (फाइल फोटो) जेपी नड्डा (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 26 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 4:28 PM IST

  • मोदी सरकार के 50 स्वर्णिम दिन हुए: जेपी नड्डा
  • 2024 तक सभी घरों को पीने का पानी
  • 2022 तक 1 करोड़ 92 लाख घर देने का लक्ष्य

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मोदी सरकार के 50 दिन पूरे होने पर केंद्र सरकार की जमकर तारीफ की है. उन्होंने शुक्रवार को कहा कि मोदी सरकार के 50 स्वर्णिम दिन हुए हैं. 50 साल में जितने काम नहीं हुए थे उससे ज्यादा काम 50 दिन में हुए हैं. जल से चांद तक काम हुए हैं.

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जेपी नड्डा ने कहा, 2024 तक सभी घरों को पीने का पानी दिया जाएगा. पीएम ग्राम सड़क योजना के तहत 80 हजार करोड़ की लागत से 1.25 लाख किलोमीटर सड़क बनाई जाएगी. इसके साथ उन्होंने बताया कि सरकार में गरीबों को वित्तीय धोखाधड़ी से बचाने के लिए भी काम किया जा रहा है. मजदूरों के लिए 54 कानूनों में से 4 कोड बनाए गए. इस कोड से 50 करोड़ मजदूरों को फायदा हुआ.

उन्होंने कहा कि महिला सहायता समूहों के लिए 5,000 रुपए का ओवरड्राफ्ट दिया गया. NIA संशोधन बिल 2019 से सुरक्षा एजेंसी ज्यादा ताकत के साथ काम कर पाएगी. इसके अलावा नड्डा के बताया कि 2022 तक 1 करोड़ 92 लाख घर देने का लक्ष्य तय किया गया है.

इससे पहले 22 जुलाई को मोदी सरकार-2 के 50 दिनों का रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में समाज के सभी वर्गो में सुधार हुआ और कार्यो को और अधिक गति प्रदान हुई. उन्होंने कहा था कि सभी को न्याय और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहले कार्यकाल की तुलना के मुकाबले तेजी से हुआ. मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत को 5 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना एक सपना नहीं रह गया है, बल्कि इसके लिए 50 दिनों में रोडमैप तैयार किया गया है.

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जावड़ेकर ने कहा था कि सरकार ने समावेशी होने का प्रयत्न किया है. मोदी सरकार का प्राथमिक ध्यान किसानों, सैनिकों, युवाओं, मजदूरों, व्यापारियों, अनुसंधान, पड़ोसी देशों के साथ संबंध, निवेश, बुनियादी ढांचों का विकास, भ्रष्टाचार के खिलाफ और सामाजिक न्याय के लिए लड़ाई में रहा.

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