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कभी जयललिता पर फिदा थे जस्टिस काटजू, 2004 में भी नहीं कर पाए थे इजहार

'जयललिता उस वक्त भी खूबसूरत थीं. जाहिर है मैं उनके सामने जवानी के दिनों में अपने जज्बात जाहिर नहीं कर सकता था.'

जवानी में जयललिता को दिल दे बैठे थे जस्टिस काटजू जवानी में जयललिता को दिल दे बैठे थे जस्टिस काटजू
अमित कुमार दुबे
  • नई दिल्ली,
  • 27 मार्च 2017,
  • अपडेटेड 12:13 AM IST

जहां बात बेबाकी की हो, जस्टिस मार्कंडेय काटजू का कोई सानी नहीं. अब काटजू ने फेसबुक पर दिल का गहरा राज बयां किया है. काटजू के मुताबिक, जवानी के दिनों में वो जयललिता पर फिदा थे.

काटजू का फेसबुक पोस्ट
जस्टिस काटजू ने फेसबुक पर लिखा, 'जवानी के दिनों में जयललिता मेरा क्रश थीं. मेरी नजर में वो बेहद खूबसूरत थीं. हालांकि ये एकतरफा प्यार था. जयललिता को इसकी खबर भी नहीं थी.'

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याद है वो पहली मुलाकात, नहीं कह पाए थे दिल की बात
इसी पोस्ट में जस्टिस काटजू ने जयललिता के साथ पहली मुलाकात का भी जिक्र किया है. काटजू लिखते हैं, 'मैं जयललिता से पहली बार साल 2004 में चेन्नई के राज भवन में मिला. मैं वहां मद्रास हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की शपथ लेने गया था. वो उस वक्त तमिलनाडु की मुख्यमंत्री थीं. जयललिता उस वक्त भी खूबसूरत थीं. जाहिर है मैं उनके सामने जवानी के दिनों में अपने जज्बात जाहिर नहीं कर सकता था. ये गलत होता.' इसके बाद काटजू ने जयललिता की पुरानी फिल्म का एक गीत भी शेयर किया.


'शेरनी और शेर' का रिश्ता

जब जयललिता आखिरी दिनों में अस्पताल में भर्ती थीं, जस्टिस काटजू ने फेसबुक पर ही जयललिता के साथ अपनी दो मुलाकातों का जिक्र किया था. इसके बाद उन्होंने 'अम्मा' के साथ अपनी पुरानी तस्वीर को शेयर किया और तस्वीर को शीर्षक दिया 'शेरनी और शेर.'

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