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इसरो चीफ के सिवन ने नहीं मानी हार, ट्वीट कर कही ये बात

इसरो का मिशन चंद्रयान-2 भले ही इतिहास नहीं बना सका लेकिन वैज्ञानिकों को देश सलाम कर रहा है. चांद के दक्षिणी हिस्से पर उतरने से पहले ही चंद्रयान-2 से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का संपर्क टूट गया. जिसके बाद इसरो अध्‍यक्ष के. सिवन ने ट्वीट के जरिए वैज्ञानिकों का आभार जताया है. के सिवन ने कहा, 'मैं अपने वैज्ञानिकों और सभी की कड़ी मेहनत और समर्पण के लिए आभारी हूं.'

20 अगस्त को पत्रकारों से चंद्रयान के बारे में करते के सिवन (फाइल फोटो-एएनआई) 20 अगस्त को पत्रकारों से चंद्रयान के बारे में करते के सिवन (फाइल फोटो-एएनआई)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 07 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 5:52 PM IST

  • इसरो चीफ का ट्वीट, कामयाबी अंतिम नहीं होती है.
  • के सिवन ने विस्टन चर्चिल के कथन को किया याद
  • इसरो चीफ ने टीम के वैज्ञानिकों को दी बधाई

इसरो का मिशन चंद्रयान-2 भले ही इतिहास नहीं बना सका लेकिन वैज्ञानिकों को देश सलाम कर रहा है. चांद के दक्षिणी हिस्से पर उतरने से पहले ही चंद्रयान-2 से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का संपर्क टूट गया. जिसके बाद इसरो अध्‍यक्ष के. सिवन ने ट्वीट के जरिए वैज्ञानिकों का आभार जताया है. के सिवन ने कहा, 'मैं अपने वैज्ञानिकों और सभी की कड़ी मेहनत और समर्पण के लिए आभारी हूं.'

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इसरो के चीफ के सिवन ने मिशन चंद्रयान-2 को मनवांछित सफलता न मिल पाने पर अपनी राय जाहिर की है और ब्रिटेन के पूर्व पीएम विस्टन चर्चिल के एक वक्तव्य को ट्विट किया है. इसरो चीफ ने ट्वीट किया, "कामयाबी अंतिम नहीं होती है, न ही नाकामी घातक है, किसी काम को जारी रख पाने का जो हौसला होता है वो अहम होता है." विस्टन चर्चिल द्वितीय विश्व युद्ध के समय ब्रिटेन के प्रधानमंत्री थे.

के सिवन ने कहा कि विक्रम लैंडर सही तरीके से काम कर रहा था और नीचे उतर रहा था. 2.1 किलोमीटर तक सबकुछ ठीक था. फिर इसी दौरान ग्राउंड स्टेशन से लैंडर का संपर्क टूट गया. हम इससे जुड़े आंकड़ों का विश्लेषण कर रहे हैं.

बता दें कि शनिवार रात इसरो का संपर्क लैंडर विक्रम के साथ टूट गया था. मिशन की कामयाबी को देखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वहां पहुंचे थे. रात को विक्रम लैंडर से संपर्क टूटने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी शनिवार सुबह एक बार फिर वहां पहुंचे. इस दौरान पीएम ने वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाया बावजूद इसके इसरो के अध्यक्ष के. सिवन अपने आंसू नहीं रोक सके और प्रधानमंत्री के वहां से निकलने के दौरान ही वह रो पड़े.

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वह पल बेहद भावुक था, जब सिवन के आंखों से आंसू छलक पड़े. वैज्ञानिकों के साथ बाहर की तरफ निकल रहे मोदी ने तुरंत उन्हें गले लगाया और उन्हें थाम लिया.

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