Advertisement

उपचुनावों में जीत से विपक्ष गदगद, कहा- मोदी को हटाना चाहती है जनता

कांग्रेस प्रवक्ता प्रमोद तिवारी ने कहा, 'बीजेपी सरकार चार साल की उपलब्धियां बता रही थी, उन उपलब्ध‍ियों पर व्यापक जनादेश आज आया है. देश के नक्शे पर चारों दिशाओं में उपचुनाव हुए हैं.'

अखिलेश यादव अखिलेश यादव
वरुण शैलेश
  • नई दिल्ली,
  • 31 मई 2018,
  • अपडेटेड 9:07 PM IST

लोकसभा की 4 और विधानसभा की 10 सीटों पर हुए उपचुनाव में कई सीटों पर बीजेपी को मिली करारी शिकस्त से विपक्षी दल गदगद हैं. बीजेपी की इस हार पर विपक्षी दलों का कहना है कि मोदीलहर बेअसर हो चुकी है. जनता अब मोदी सरकार को सत्ता से हटाना चाहती है.

कैराना और नूरपुर के नतीजों पर सपा नेता और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा, 'हमने बीजेपी को उसी के तरीके से मात दी है. जब हम विकास की बात करते थे, तो वो सामाजिक बात करते थे. समाजवादी लोगों ने अब उन्हीं से सीख कर दलितों, किसानों के मुद्दे उठाए हैं.'

Advertisement

जिन्ना हार गया, गन्ना जीत गया

कैराना की जीत से गदगद राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) के नेता जयंत चौधरी ने समर्थन देने वाले दलों के प्रति आभार जताया है. उन्होंने कहा, 'कैराना लोकसभा उपचुनाव में समर्थन देने के लिए सभी विपक्षी दलों का शुक्रिया अदा करता हूं. मायावती, अखिलेश यादव, सोनिया और राहुल गांधी, माकपा, आम आदमी पार्टी सहित उन सभी दलों का शुक्रिया, जिन्होंने आरएलडी के प्रति समर्थन जताया.' उन्होंने कहा, 'कैराना में जिन्ना हार गया, गन्ना जीत गया.' कैराना लोकसभा सीट पर रालोद उम्मीदवार तबस्सुम हसन ने जीत हासिल की है.

बीजेपी के सामाज्य के अंत की शुरुआत

कांग्रेस ने बीजेपी की हार को झूठ, धोखे और विश्वासघात पर आधारित उसके साम्राज्य के अंत की शुरुआत बताया है. कांग्रेस प्रवक्ता प्रमोद तिवारी ने कहा, 'बीजेपी सरकार चार साल की उपलब्धियां बता रही थी, उन उपलब्ध‍ियों पर व्यापक जनादेश आज आया है. देश के नक्शे पर चारों दिशाओं में उपचुनाव हुए हैं. लगभग सभी बीजेपी या एनडीए के पास थीं, लेकिन अब जनादेश ने बीजेपी को नकार दिया है.'

Advertisement

वहीं गृह मंत्री राजनाथ सिंह कहा कि बीजेपी आने वाले अगले आम चुनाव में बेहतर करने जा रही है. उन्होंने कहा, 'लंबी छलांग लगाने के लिए आपको दो कदम पीछे हटने पड़ता है. हम भविष्य में लंबी छलांग लगाएंगे.'

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह मोदी सरकार के खिलाफ आक्रोश को दर्शाता है. उन्होंने कहा, अब तक लोग पूछ रहे थे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विकल्प कौन है, लेकिन परिणाम बताता है कि वे अब उन्हें हटाना चाहते हैं.

उन्होंने ट्वीट किया, 'आज का परिणाम दर्शाता है कि मोदी सरकार के खिलाफ काफी गुस्सा है. अब तक लोग पूछ रहे थे कि विकल्प क्या है. आज लोग कह रहे हैं कि मोदी एक विकल्प नहीं हैं. पहले उन्हें हटाओ.'

सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, 'अहंकार की वजह से उपचुनावों में यह हार मिली है. लेकिन अगर पार्टी चापलूसों को पुरस्कृत करना बंद कर देती है और उन नेताओं पर भरोसा जताती है जो जनता के बीच काम करते हैं, तो वह पुरानी स्थिति में लौट सकती है.वापस लौटने के लिए बीजेपी के पास आधारभूत ढांचा मौजूद लेकिन उसे नए तेवर की जरूरत है.'

जब ताली कप्तान को मिलती है तो गाली भी उसे ही मिले

बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा, 'हम पिछड़े नहीं हैं, बल्कि बुरी तरह हारे हैं, हमें इससे सबक लेना होगा. पार्टी के मंत्री और नेता अब अहंकारी हो गए हैं, लोगों को भाषण से नहीं राशन से फर्क पड़ता है.' उन्होंने कहा, 'जब ताली कप्तान को मिलती है तो गाली भी कप्तान को मिलनी चाहिए, ये सभी जानते हैं कि कप्तान कौन है.'

Advertisement

पंजाब के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अमरिंदर सिंह ने कहा कि पूरे देश में भाजपा का प्रदर्शन 'खराब' चल रहा है जो स्पष्ट रूप से 2019 के चुनावों से पहले लोगों के मूड का संकेत है.

अमरिंदर ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सत्ता में वापस नहीं आएंगे, देश में अगली सरकार कांग्रेस की बनेगी.' राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि उनके पिता लालू यादव ने बीजेपी का मुकाबला करने के लिए विपक्षी एकता का आह्वान किया था जो देश में आकार ले रहा है।

भाकपा ने उपचुनावों में एकजुट विपक्ष की जीत को धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक ताकतों की जीत बताया जो भाजपा की सांप्रदायिक राजनीति को परास्त करने के लिए एक साथ आ रहे हैं.

भाकपा नेता डी. राजा ने कहा , 'उपचुनाव के परिणाम दिखाते हैं कि बीजेपी लगातार नीचे की तरफ जा रही है. गुजरात, कर्नाटक से उसका पतन शुरू हुआ था और 2019 के लोकसभा चुनावों में यह निश्चित रूप से नजर आएगा. धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक ताकतों ने महसूस किया कि उन्हें एकजुट होना चाहिए. लोग बीजेपी को छोड़ रहे हैं क्योंकि उन्हें उसका सांप्रदायिक एजेंडा समझ में आ रहा है.'

उपचुनावों की तस्वीर

11 राज्यों में लोकसभा की चार और विधानसभा की दस सीटों पर हुए उपचुनावों में विपक्षी दलों ने 11 सीटों पर जीत दर्ज की और भाजपा तथा इसके सहयोगियों को तीन सीटों तक सीमित कर दिया.

Advertisement

बीजेपी और इसकी सहयोगी एनडीपीपी ने क्रमश : पालघर (महाराष्ट्र) और नगालैंड संसदीय सीटों पर जीत दर्ज की वहीं उसने उत्तराखंड के थराली विधानसभा सीट पर जीत दर्ज की. राकांपा ने भंडारा गोंदिया संसदीय सीट पर बीजेपी को पराजित कर दिया.

कांग्रेस को तीन सीटें मिलीं (मेघालय, कर्नाटक और पंजाब) जबकि अन्य को छह सीटें- झामुमो को दो सीटें झारखंड में, माकपा, सपा, राजद और तृणमूल कांग्रेस को एक-एक सीट क्रमश : केरल, उत्तरप्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में मिलीं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement