Advertisement

EXCLUSIVE: कन्हैया ने कहा- हम देश को तोड़ने की बात नहीं कर रहे, एकता हमारा मंत्र

21 दिनों बाद जमानत पर रिहाई के बाद अपने पहले इंटरव्यू में कन्हैया ने 'आज तक' से कहा कि वह 9 फरवरी के विवादित कार्यक्रम के आयोजक नहीं थे.

जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार
स्‍वपनल सोनल
  • नई दिल्ली,
  • 04 मार्च 2016,
  • अपडेटेड 12:34 PM IST

देशद्रोह के आरोपी जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार का कहना है कि वह और उनके साथी देश को तोड़ना नहीं चाहते हैं, बल्कि‍ देश की एकता और अखंडता को बनाए रखना चाहते हैं. 21 दिनों बाद जमानत पर रिहाई के बाद अपने पहले इंटरव्यू में कन्हैया ने 'आज तक' से कहा कि वह 9 फरवरी के विवादित कार्यक्रम के आयोजक नहीं थे. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोगों के नारेबाजी से देश टूटने वाला नहीं है.

Advertisement

कन्हैया कुमार ने 'आज तक' से क्या कहा-

- देश में भ्रम फैलाकर आग लगाई गई, धुआं तो निकलेगा ही.

- देश में जवानों को किसानों से लड़ाने की कोशि‍श की गई.

- देश में जो भ्रम फैला है उसे खत्म करना है.

- हर किसी को अपने बात कहने का अधिकार है.

- जेएनयू के पक्ष में खड़े लोग, न्याय के पक्ष में खड़े हैं.

- मुझे लगता है कि हर वह आदमी जो आज जेएनयू के पक्ष में खड़ा है वह देश के साथ खड़ा है.

- हम देश के शहीद जवानों के प्रति सम्मान रखते हैं, लेकिन कोई नेता वहां क्यों नहीं गए जहां किसानों ने आत्महत्या की.

- बराबरी का मतलब सिर्फ बराबरी के अधिकार के साथ वोट देना नहीं है.

- यूजीसी एचआरडी मंत्रालय के तहत नहीं आता. हमसे स्कॉलरशिप छीना गया, जिसके बाद रोहित वेमुला वाली घटना हुई. अगर स्मृति ईरानी ने गलत बयान दिया, इसलिए हमने उनका विरोध किया.

Advertisement

- हमारा समाज पहले से बंटा हुआ है, हमें इससे ऊपर उठने की जरूरत है.

- मैं एक बीजेपी नेता का सदन में बयान सुन रहा था, वह ऐसे कह रहे थे जैसे सेना में जाने से पहले हर जवान बीजेपी की सदस्यता लेता है.

- हम तो यह चाहते हैं कि हर घर में रोहित वेमुला और भीमराव अंबेडकर पैदा हों.

- मैंने यह कभी नहीं कहा कि हर घर में मकबूल भट्ट और अफजल गुरु होना चाहिए.

- मेरा न्यायिक व्यवस्था में पूरा विश्वास है, इसलिए देशविरोधी नारेबाजी को लेकर ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहता.

- हम देश की एकता, अखंडता को बनाए रखने के साथ आजादी की बात करते हैं.

- हम अंबेडकर की बात करते हैं. अंबेडकर का समाज बनाना चाहते हैं.

- क्या देश में जो किसान मर रहे हैं वो शहीद नहीं हैं.

- हमारा विरोध संघ के खि‍लाफ नहीं है.

- मेरे लिए मोदी, भागवत और बीजेपी सिर्फ रेफरेंस के तौर पर है. हम उनके विरोधी नहीं हैं.

- हम उनका विरोध करते हैं जो समाज की बेहतरी में रुकावट बन रहे हैं.

- हम समाज को बेहतर बनाने की बात करते हैं.

- लोगों को नकली भावनाओं में भड़काया जा रहा है.

- मैंने न देशविरोधी नारा लगाया, न ही इसका समर्थन करता हूं.

Advertisement

- हम देश की एकता को बनाए रखने की बात कर रहे हैं.

- हम चाहते हैं कि हर घर में रोहित वेमुला पैदा हो, अंबेडकर पैदा हो.

- आज देश में कोई आइकन है तो वह रोहित वेमुला है.

- हम देश में भूखमरी से आजादी, संघवाद से आजादी चाहते हैं.

- हम किसी भी सूरत में देश को टूटने नहीं देंगे, इसे और मजबूत करेंगे.

- हमने लोगों को अपने नारे का मतलब बताया.

- जो मैं बोल रहा था वह मेरा सच था, देश का सच.

- मैंने कोई देश विरोधी नारेबाजी नहीं की.

- हम गरीबों की हर समस्या से आजादी चाहते हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement