
कानपुर में हुई रेल दुर्घटना के पीछे क्या कोई सुनियोजित साजिश थी? इसका पता लगाने के लिए दिल्ली में आई.बी और रॉ सहित विभिन्न जांच ऐजेंसियों ने मामले के तीन संदिग्धों से पूछताछ की.
इन संदिग्धों में एक नेपाली मूल का नागरिक है, वहीं दूसरा संदिग्ध दुबई में रहने वाले शमशुल हुदा का भतीजा है. बिहार पुलिस के दावों के मुताबिक, शमशुल हुदा आईएसआई का एजेंट है और उसने ही भारत में ट्रेन उड़ाने की साजिश रची.
बिहार के समस्तीपुर से गिरफ्तार तीनों संदिग्धों ने पूछताछ में खुलासा किया कि कानपुर में हुए ट्रेन हादसे के पीछे साजिश थी, जिसमें दिल्ली के तीन युवक भी शामिल थे. इस खुलासे के बाद दिल्ली में तीनों संदिग्धों से पूछताछ जारी है, लेकिन सूत्रों की मानें तो अब तक कोई अहम जानकारी हाथ नहीं लगी है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, नेपाली मूल के जिस शख्स को आईएसआई का एजेंट बताया जा रहा है और ट्रेन धमाके के लिए पैसे देने की बात कही जा रही है, उसे नेपाल पुलिस की मुठभेड़ में कई गोलियां लगी हैं और उसके बचने की उम्मीद कम ही है. वहीं सूत्रों ने साथ ही बताया कि दुबई में बैठा शमशूल हुदा नकली नोट का धंधा करता है, लेकिन दाउद से उसके संबंध की कोई जानकारी अभी तक नहीं हाथ लगी है.
दरअसल 1 अक्टूबर को रक्सौल दरभंगा रेल लाइन पर एक बम बरामद हुआ, जिसे पुलिस ने डिफ्यूज कर दिया. उसके बाद कानपुर में 20 नवंबर को रेल हादसा हुआ, लेकिन असली कहानी 25 दिसंबर से शुरू होती है, जब पुलिस को पूर्वी चंपारण के आदापुर इलाके से चाचा और भतीजा के गायब होने की सूचना मिली है. पुलिस उनकी खोजबीन कर ही रही थी कि उनका शव 28 दिसंबर को उसी इलाके में बरामद हो जाता है. पुलिस ने हत्या के मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनके नाम हैं मोती पासवान, उमाशंकर पटेल और मुकेश यादव.
सूत्रों के मुताबिक, इन तीनों से पुलिस ने जब कड़ाई से पूछताछ की, तब पता चला कि इन चाचा-भतीजा ने ही घोड़ासहन में ट्रेन उड़ाने की सुपारी ली थी. सुपारी देने वाले का नाम है ब्रज किशोर गिरी जो नेपाल का निवासी है. वहीं मोती पासवान ने कबूला है कि कानपुर रेल दुर्घटना कराने की साजिश भी रची गई थी. इससे जुड़े कुछ अपराधियों को सुरक्षा एजेंसियों ने पकड़ा भी है जिनका जल्द खुलासा भी हो सकता है.
गौरतलब है कि इंदौर-पटना एक्सप्रेस का 20 नवंबर को कानपुर के पुखरायां रेलवे स्टेशन के पास एक्सीडेंट हो गया था. उस हादसे में करीब 150 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी.