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कर्नाटक में बीजेपी की उम्मीदों को लगा बड़ा झटका, अब क्या हैं उसके पास विकल्प?

बीजेपी राज्यपाल के पास फिर से जा सकती है और कह सकती है कि विश्वास मत पर वोट के लिए एक समय सीमा तय की जाए, अगर राज्यपाल समय सीमा तय भी कर दें तो फिर क्या स्पीकर इसे मानेंगे, इसमें भी संदेह है.

येदियुरप्पा (फाइल फोटो) येदियुरप्पा (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 19 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 9:15 AM IST

कर्नाटक विधानसभा में दिनभर चले सियासी ड्रामे के बाद गुरुवार को फ्लोर टेस्ट नहीं हो पाया. इस तरह से कुमारस्वामी सरकार को एक दिन का जीवनदान और मिल गया है, तो वहीं बीजेपी की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा. बीजेपी को पूरा भरोसा था कि अगर विश्वास मत पर वोटिंग होती तो कुमारस्वामी सरकार गिर जाती. अब बीजेपी के पास क्या विकल्प हैं आइए जानते हैं.

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बीजेपी राज्यपाल के पास फिर से जा सकती है और कह सकती है कि विश्वास मत पर वोट के लिए एक समय सीमा तय की जाए, अगर राज्यपाल समय सीमा तय भी कर दें तो फिर क्या स्पीकर इसे मानेंगे, इसमें बहुत संदेह है. हालांकि राज्यपाल ने स्पीकर से कहा है कि शुक्रवार दोपहर डेढ़ बजे विश्वास मत का परीक्षण किया जाए.

अब देखना होगा कि स्पीकर राज्यपाल के आदेश को मानेंगे या फिर उसी तरह से अनदेखा करेंगे जैसा आज किया है. अगर विश्वास मत पर वोटिंग को टाला जाता रहा तो फिर बीजेपी अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है. अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार किए जाने के लिए स्पीकर 14 दिन का समय ले सकते हैं.

अगर कांग्रेस और जेडीएस विश्वास प्रस्ताव को वापस लेते हैं तो फिर बीजेपी को अविश्वास प्रस्ताव लाना होगा. ये भी कहा जा रहा है कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों सुप्रीम कोर्ट जा सकती है. बीजेपी फ्लोर टेस्ट के लिए सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगा सकती है. बीजेपी सिर के बल खड़ी है कि विश्वास मत प्रस्ताव पर जल्द से जल्द वोटिंग हो, ताकि कांग्रेस और जेडीएस को अब और अधिक समय ना मिल जाए. वैसे भी सत्र शुरू होने के बाद से कांग्रेस और जेडीएस को छह दिन का समय मिल चुका है.

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