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434 दिन बाद येदियुरप्पा ने फिर ली कर्नाटक के CM पद की शपथ

बीएस येदियुरप्पा ने 434 दिन बाद शुक्रवार को एक बार फिर से कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इससे पहले उन्होंने 17 मई 2018 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, लेकिन विधानसभा में बहुमत नहीं होने के चलते उनको महज दो दिन में अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था.

बीएस येदियुरप्पा (File Photo) बीएस येदियुरप्पा (File Photo)
aajtak.in
  • बेंगुलुरु,
  • 26 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 6:00 PM IST

कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार गिरने और एचडी कुमारस्वामी के इस्तीफे के बाद बीएस येदियुरप्पा ने शुक्रवार को चौथी बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इससे पहले उन्होंने 17 मई 2018 को कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, लेकिन विधानसभा में बहुमत नहीं होने के चलते उनको महज दो दिन यानी 19 मई को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था. अब वो 434 दिन बाद फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है.

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पिछली बार बीएस येदियुरप्पा के इस्तीफे के बाद कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर कर्नाटक में गठबंधन की सरकार बनाई थी. एचडी कुमारस्वामी ने 23 मई 2018 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. हालांकि यह सरकार सिर्फ 14 महीने ही चल सकी और कर्नाटक विधानसभा में विश्वासमत नहीं मिलने के चलते सरकार गिर गई. इसके बाद कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा.

मंगलवार जब कर्नाटक विधानसभा में विश्वासमत पेश किया गया, तो कुमारस्वामी के पक्ष में सिर्फ 99 वोट पड़े, जबकि बीजेपी के पक्ष में 105 वोट पड़े. कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार गिरने के बाद बीजेपी कार्यालय में जश्न का माहौल है. कुमारस्वामी के इस्तीफे के बाद से बीएस येदियुरप्पा का मुख्यमंत्री बनना तय माना जा रहा था.

आपको बता दें कि बीएस येदियुरप्पा तीन बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं. वो कर्नाटक में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं. उनको कर्नाटक की राजनीति में बीजेपी का सबसे बड़ा चेहरा माना जाता है. येदियुरप्पा ने अपना राजनीतिक सफर तालुक अध्यक्ष के रूप में शुरू किया था. इसके बाद वो आगे बढ़ते गए.

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येदियुरप्पा सात बार विधायक निर्वाचित हुए और एक बार जीतक लोकसभा भी पहुंचे. वो कर्नाटक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हैं. हालांकि उनका विवादों से भी नाता रहा है, जिसके चलते उनको मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा तक देना पड़ा था. हालांकि इन सबके बावजूद वो बीजेपी के सबसे भरोसेमंद चेहरे के रूप में सामने आए हैं.

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