
कर्नाटक में कांग्रेस की सिद्धारमैया सरकार भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरती दिख रही है. कर्नाटक पुलिस महासंघ के प्रमुख शशिधर वेणुगोपाल ने नए वर्ष की पूर्व संध्या पर पुलिस अधिकारियों के तबादले में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए लोकायुक्त के पास शिकायत की है. वेणुगोपाल ने इस मामले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और 28 मंत्रियों के खिलाफ शिकायत दी है. लोकायुक्त ने वेणुगोपाल की शिकायत को स्वीकार कर लिया है.
जानिए क्या है मामला
1. बीते 31 दिसबंर को कर्नाटक में 41 आईपीएस अधिकारियों के तबादले हुए.
2. लोकायुक्त को दी गई अपनी शिकायत में शशिधर वेणुगोपाल ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनके मंत्रियों के अलावा 21 पुलिस अधिकारियों के खिलाफ शिकायत की है. शशिधर का आरोप है कि पुलिस अधिकारियों ने मनचाहे तबादले के लिए मंत्रियों को रिश्वत दी.
3. वेणुगोपाल ने लोकायुक्त से सिफारिश की है कि सभी लोगों के खिलाफ जांच हो. कर्नाटक पुलिस महासंघ के प्रमुख की ओर से दायर की गई इस शिकायत पर लोकायुक्त विचार कर रहे हैं.
4. इससे पहले शशिधर वेणुगोपाल पुलिस कांस्टेबलों को विरोध स्वरूप सामूहिक अवकाश पर जाने के लिए 'उकसाने' को लेकर चर्चा में थे.
5. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने राज्य पुलिस के बड़े नामों का भी ट्रांसफर किया था. ताकि पुलिस अधिकारी अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलें.
6. मुख्यमंत्री के इस फैसले पर कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया कि सिद्धारमैया ने विधानसभा चुनाव पर नजर रखते हुए नए और पुराने अधिकारियों को बेंगलुरु और अन्य जगहों पर तैनाती दी है.
7. इन तबादलों में बेंगलुरु शहर के पुलिस कमिश्नर एनएस मेघरिक भी शामिल थे, जिन्हें मौजूदा एसीबी प्रमुख केवी गगनदीप की जगह एंटी करप्शन ब्यूरो का प्रमुख बना दिया गया, जबकि गगनदीप किनारे कर दिए गए.