
कर्नाटक में मिली करारी हार पर कांग्रेस में आत्ममंथन जारी है. कांग्रेस के कई नेता इस हार के पीछे जेडीएस के साथ गठबंधन को जिम्मेदार मान रहे हैं. वीरप्पा मोईली के बाद केएच मुनियप्पा भी कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन को हार की मुख्य वजह बता रहे हैं.
केएच मुनियप्पा ने कहा कि गठबंधन सिर्फ कांग्रेस के लिए महंगा साबित नहीं हुआ है, बल्कि जेडीएस को भी नुकसान हुआ है. पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा जैसे नेता को भी हार का सामना करना पड़ा. हम गठबंधन की सरकार चलाएंगे, लेकिन चुनाव अलग-अलग लड़ेंगे.
कर्नाटक में जेडीएस और कांग्रेस के बीच रार की खबरें अब सामान्य हो चली हैं. हर दिन दोनों पक्षों की ओर से विरोध के स्वर सुनने को मिलते हैं. अभी हाल में जेडीएस अध्यक्ष एचडी देवगौड़ा ने कर्नाटक में मध्यावधि चुनाव कराए जाने की आशंका जाहिर की थी. हालांकि बाद में वे पलट गए और कहा कि मीडिया ने उनकी बातों को तोड़ मरोड़ कर पेश किया.
एचडी देवगौड़ा ने उन रिपोर्टो से भी इनकार किया कि कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) नेता सिद्धारमैया ने नई दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी से गठबंधन सरकार से समर्थन वापस लेने के लिए कहा है, 'क्योंकि यह उनकी पार्टी की संभावनाओं को नुकसान पहुंचा रहा है' जोकि पार्टी के हाल में लोकसभा चुनावों में महज एक सीट जीतने से साफ है.
गौरतलब है कि मई 2018 में हुई विधानसभा चुनाव में राज्य में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति बनी थी. विधानसभा के 225 सीटों में से बीजेपी को 104 सीटें मिली, जो बहुमत से नौ कम हैं. कांग्रेस 80 सीटें जीतने में कामयाब रही और उसने जेडीएस के साथ मिलकर 23 मई को गठबंधन सरकार बनाया. जेडीएस ने 37 सीटों पर जीत दर्ज की थी. कांग्रेस ने जेडीएस को बिना शर्त समर्थन दिया है.