
कर्नाटक में अयोग्य ठहराए गए विधायकों की याचिका पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. पूर्व स्पीकर केआर रमेश कुमार ने कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) के 17 विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले अयोग्य करार दिया था. इसके बाद सभी विधायकों ने सुप्रीम कोर्च में याचिका दाखिल की थी.
यहां के नौ विधायकों ने 1 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष की ओर से उन्हें सदन से अयोग्य करार देने के फैसले को रद्द करने का निर्देश देने की गुहार लगाई. इससे पहले विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष की ओर से अपने इस्तीफे को स्वीकार करने का निर्देश देने की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था. हालांकि, शीर्ष अदालत ने विधानसभा अध्यक्ष को विधायकों के इस्तीफे पर संविधान के अनुसार फैसला लेने की पूरी छूट दी थी लेकिन कहा था कि विधायकों को सदन की कार्यवाही में भाग लेने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता.
इन नौ विधायकों में ए.एच.विश्वनाथ, के.सी.नारायणगौड़ा, ए.के.गोपालैया, प्रताप गौड़ा और अन्य शामिल हैं. इन विधायकों ने कहा कि उन्हें पद से इस्तीफा देने का अधिकार है और उन्होंने कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष के 28 जुलाई के आदेश को शीर्ष अदालत से रद्द करने की मांग की. 28 जुलाई को तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष के.आर.रमेश ने 14 बागी विधायकों को अयोग्य करार दिया था और उनके इस्तीफों को खारिज कर दिया था.