
कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस और बीजेपी के बीच शाह और मात का खेल चल रहा है. कांग्रेस-जेडीएस के 16 विधायकों के बगावत के बाद कुमारस्वामी सरकार पर संकट के बादल छाए हुए हैं, लेकिन कांग्रेस के दिग्गज बागियों को मनाने की हरसंभव कोशिश भी जारी है. इसके बाद भी बागी विधायक अपने इस्तीफे पर अड़े हुए हैं. यह मामला देश के सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है.
इन सब के बीच पहले बीजेपी और जेडीएस के दो दिग्गज नेताओं के बीच मुलाकात और अब सीएम कुमारस्वामी का महाराष्ट्र के बीजेपी नेता प्रसाद लाड से संपर्क साधने की कोशिश ने सियासी गलियारों में एक नई चर्चा शुरू हो गई है. ऐसे में सवाल उठने लगा है कि क्या कर्नाटक में पर्दे के पीछे कोई दूसरा खेल चल रहा है?
कांग्रेस-जेडीएस के बागी विधायक मुंबई में डेरा जमाए हुए हैं. इन बागियों पर महाराष्ट्र बीजेपी के नेता प्रसाद लाड नजर रख रहे हैं ताकि कांग्रेस नेता उन्हें समझाकर अपने खेमे में वापस न मिला सकें. लाड वह शख्स हैं, जो कांग्रेस के संकटमोचक माने जाने वाले डीके शिवकुमार और बागी विधायकों के बीच ढाल बनकर मुंबई होटल के बाहर खड़े थे. इसी के चलते शिवकुमार चाहकर भी बागी विधायकों से मिल नहीं सके.प्रसाद लाड लंबे समय तक एनसीपी में थे, लेकिन चार साल पहले ही बीजेपी ज्वाइन किया है. सूत्रों की माने तो कुमारस्वामी ने प्रसाद लाड से संपर्क करने की कोशिश की है. इसके लिए लाड को यह संदेश भेजा गया कि मुख्यमंत्री कुमारस्वामी बात करना चाहते हैं. हालांकि यह बात पता नहीं चल सकी है कि कुमारस्वामी लाड से क्या बात करना चाहते हैं.
इससे पहले बीजेपी महासचिव मुरलीधर राव ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के करीबी और पर्यटन मंत्री आर महेश से एक गेस्ट हाउस में मुलाकात की. हालांकि जब मामला सामने आया, तो मुरलीधर राव ने सफाई दी. उन्होंने कहा कि जेडीएस के मंत्री आर महेश से किसी तरह की चर्चा किए जाने की बात में कोई सच्चाई नहीं है. सार्वजनिक स्थान पर उनके साथ दिखना महज एक संयोग है.
सूत्रों के मुताबिक बीजेपी जेडीएस को मुख्यमंत्री पद का ऑफर दे रही है. साथ ही कई बीजेपी नेता कांग्रेस के बागी विधायकों को पार्टी में शामिल किए जाने का विरोध कर रहे हैं. ऐसे में कहीं ऐसा तो नहीं कि बीजेपी कुमारस्वामी को साधकर कांग्रेस के सियासी प्लान को फेल करने की कोशिश में है.