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कर्नाटक संकट के बीच शुरू हुआ रिजॉर्ट पॉलिटिक्स, JDS ने MLA के लिए बुक करवाये 35 कमरे

कर्नाटक सरकार पर खतरा मंडराते ही यहां रिसॉर्ट पॉलिटिक्स की शुरूआत हो गई है. विधायकों को होर्स ट्रेडिंग से बचाने के लिए जनता दल (सेकुलर) अपने विधायकों को कोडागू में एक पॉश रिजॉर्ट में लेकर जा रही है. जेडीएस ने इस प्रीमियम रिजॉर्ट में 35 कमरे बुक किए हैं. पेडिंगटन नाम के इस रिजॉर्ट एक कमरे का बेस प्राइस 25 हजार रुपये एक रात का है.

 Paddington Resort (Photo: www.paddingtonresorts.com) Paddington Resort (Photo: www.paddingtonresorts.com)
नागार्जुन
  • बेंगलुरु,
  • 08 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 5:22 PM IST

कांग्रेज-जेडीएस गठबंधन सरकार पर खतरा मंडराते ही कर्नाटक में रिसॉर्ट पॉलिटिक्स की शुरूआत हो गई है. विधायकों को होर्स ट्रेडिंग से बचाने के लिए जनता दल सेकुलर जेडी(एस) अपने विधायकों को कोडागू में एक पॉश रिजॉर्ट में लेकर जा रही है. जेडी(एस) ने इस प्रीमियम रिजॉर्ट में 35 कमरे बुक किए हैं. पेडिंगटन नाम के इस रिजॉर्ट में एक कमरे का बेस प्राइस 25 हजार रुपये एक रात का है.

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रिपोर्ट के मुताबिक ये बुकिंग आज से की गई है और तीन दिनों के लिए है. बुकिंग की पुष्टि करते हुए रिजॉर्ट मैनेजर रश्मि ने कहा, "हमें 35 कमरे बुक करने के लिए कहा गया है. इसमें तीन पूलसाइड विला, बंगला, और डिलक्स रूम शामिल हैं."

माना जा रहा है कि जेडी(एस) चीफ एचडी कुमारस्वामी विधायकों को रिजॉर्ट में ले जाने का फैसला लेंगे. रिजॉर्ट मैनेजर के मुताबिक इस रिजॉर्ट में डिलक्स रूम का एक रात का बेस किराया 9 हजार रुपये और प्राइवेट पूल विला का बेस किराया 25 हजार रुपये हैं.

बता दें कि ये वही रिजॉर्ट है जहां पर तमिलनाडु के टीटीवी दिनाकरन के विधायक ठहरे थे, ये वाकया तब हुआ था जब दिनाकरन का एआईएडीएमके के साथ पार्टी में पकड़ को लेकर झगड़ा चल रहा था.

इस बीच, कर्नाटक में राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है. कांग्रेस कोटे के मंत्रियों ने भी सरकार से इस्तीफा दे दिया है. माना जा रहा है कि जल्द ही कर्नाटक में नये मंत्रिमंडल का गठन होगा और इसमें नाराज विधायकों को शामिल किया जाएगा. कांग्रेस कोटे के मंत्रियों ने कर्नाटक कांग्रेस कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव को अपना इस्तीफा सौंप दिया है.

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गौरतलब है कि कर्नाटक की 13 महीने पुरानी सरकार तब संकट में आ गई जब 6 जून को सत्तारुढ़ दलों के 11 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था. इस घटनाक्रम के बाद कर्नाटक सरकार पर खतरा मंडरा रहा है.

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