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कुमारस्वामी के 'त्याग' से ऐसे बच सकती है सरकार, ये 4 विधायक पलट सकते हैं कर्नाटक का गेम

कांग्रेस कद्दावर नेता डीके शिवकुमार का कहना है कि जेडीएस सरकार बचाने के लिए किसी भी तरह के त्याग के लिए तैयार है. इतना ही नहीं एचडी कुमारस्वामी की पार्टी कांग्रेस की ओर से किसी को मुख्यमंत्री बनाने के लिए भी तैयार है.

कुमारस्वामी और सिद्धारमैया (फोटो-PTI) कुमारस्वामी और सिद्धारमैया (फोटो-PTI)
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 22 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 10:48 AM IST

कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली जनता दल सेक्यूलर-कांग्रेस गठबंधन सरकार के लिए सोमवार को अग्निपरीक्षा का दिन है. विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होना है, जहां कुमारस्वामी सरकार को बहुमत साबित करना है. इससे पहले कर्नाटक के संकटमोचक माने जाने वाले मंत्री डीके शिवकुमार ने गठबंधन सरकार बचाने के लिए आखिरी दांव चला दिया है. बागी विधायकों को राजी करने के लिए सीएम कुमारस्वामी के स्थान पर किसी और मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है.

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कांग्रेस के कद्दावर नेता डीके शिवकुमार का कहना है कि जेडीएस सरकार बचाने के लिए किसी भी तरह के त्याग के लिए तैयार है. इतना ही नहीं एचडी कुमारस्वामी की पार्टी कांग्रेस की ओर से किसी को मुख्यमंत्री बनाने के लिए भी तैयार है. डीके शिवकुमार के मुताबिक, उन्होंने (JDS) इसके बारे में हमारे हाईकमान को भी बता दिया है.

लोकसभा चुनाव में हार के बाद दिल्ली में कांग्रेस नेतृत्व कमजोर हुआ तो वहीं कर्नाटक में सिद्धारमैया गुट सक्रिय हो गया. कांग्रेस के इस्तीफा देने वाले 13 विधायकों में कई विधायक सिद्धारमैया गुट के हैं. यही वजह है कि इस्तीफा देने वाले चार विधायकों ने कहा था कि यदि सिद्धारमैया मुख्यमंत्री बनते हैं तो वे अपना इस्तीफा वापस ले लेंगे.  

सिद्धारमैया को सीएम बनाने की बात करने वाले कांग्रेस के बागी विधायकों में एसटी सोमशेखर, बी बासवराजू, एन मुनिरत्ना और रामलिंगा रेड्डी प्रमुख नाम हैं. दिलचस्प बात यह है इसमें सबसे बड़ा नाम रामलिंगा रेड्डी का है जो सिद्धारमैया सरकार में गृह मंत्री रह चुके हैं. उनको इस बार मंत्री पद नहीं दिया गया. रामलिंगा रेड्डी के साथ कम से कम तीन विधायक हैं जो रामलिंगा रेड्डी गुट के हैं जो इस समय उनके साथ हैं.

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इसके अलावा रमेश जरकेहोली कर रहे हैं. गोकाक से विधायक रमेश से मंत्री पद छीन कर उनके सगे भाई सतीश जरकेहोली को दे दिया गया था. रमेश तब से ही पार्टी से नाराज चल रहे थे और उन्होंने इसीलिए इस्तीफा दिया है. जरकेहोली भी सिद्धारमैया के करीबी माने जाते हैं.

बता दें कि बागी विधायकों को हटाकर कांग्रेस-जेडीएस की सरकार के पास फिलहाल 100 का आंकड़ा है, जो बहुमत से दूर है. फ्लोर टेस्ट से पहले डीके शिवकुमार ने सिद्धारमैया को सीएम बनाने का जो दांव चला है, उसके बाद अगर बागी विधायक मानते हैं तो कर्नाटक में सत्ता बचने का रास्ता भी साफ हो सकता है.

कर्नाटक विधानसभा (कुल नंबर 224)

BJP-105

कांग्रेस+स्पीकर- 79

जेडीएस-37

बसपा-1

निर्दलीय -2

नामित विधायक-1( वोट का अधिकार नहीं)

बता दें कि कांग्रेस के 79 में से 13 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं और एक कांग्रेसी विधायक मुंबई के अस्पताल में भर्ती है दूसरी तरफ JDS के 37 में से 3 विधायकों ने इस्‍तीफा दिया. इसके अलावा दो निर्दलीय आर शंकर और एच नागेश भी कुमारस्वामी सरकार के साथ नहीं हैं. इस तरह से कांग्रेस के पास स्पीकर सहित फिलहाल 65 विधायक हैं और जेडीएस के पास 34, जिन्हें मिलाकर संख्या 99 होती है. इसके अलावा एक बसपा के विधायक का समर्थन मिलने के बाद 100 का आंकड़ा पूरा होता है. वहीं, बीजेपी के 105 विधायक हैं और उसे एक निर्दलीय विधायक का समर्थन है.

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ऐसे में सिद्धारमैया को सीएम बनाने के प्रस्ताव को अगर कांग्रेस बागी मानते हैं तो फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा में पहुंचते हैं तो फिर नंबर गेम पलट सकता है. हालांकि, फिलहाल बागी विधायक मुंबई में हैं.

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