
कर्नाटक विधानसभा ने शुक्रवार को कावेरी नदी का पानी तमिलनाडु को नहीं देने का प्रस्ताव पारित किया. यह प्रस्ताव एकमत से पारित किया गया, इसमें कहा गया है कि राज्य में पेयजल के लिए पानी की आवश्यकता है. सुप्रीम कोर्ट के 20 सितंबर के आदेश के असर पर चर्चा के लिए विधान परिषद के एक विशेष सत्र में यह प्रस्ताव पारित किया गया.
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक से 27 सितंबर तक तमिलनाडु को प्रतिदिन 6,000 क्यूसेक पानी देने को कहा था. विधान परिषद में पारित प्रस्ताव के मुताबिक बांधों का पानी राज्य में पेयजल के लिए इस्तेमाल में लाया जाएगा और पानी तमिलनाडु को नहीं दिया जा सकता. प्रस्ताव में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि पानी की ये कमी जनवरी 2017 से दिखनी शुरू होगी.
कर्नाटक विधानसभा का मानना है कि कावेरी बेसिन के सभी चार जलाशयों कृष्णराजा सागर, हेमवती, काबिनिन और हरंगी निचले स्तर पर है. यह अब 27.6 टीएमसी के स्तर तक गिर चुका है. कावेरी जल विवाद को लेकर पिछले दिनों बंगलुरु में तनाव का माहौल पैदा हो गया था.