
कर्नाटक के मांड्या में किसानों का प्रदर्शन छठवें दिन भी जारी है. किसान अपनी फसल बचाने के लिए नहरों में कावेरी और हेमवती नदी का पानी चाहते हैं. इसे लेकर वह प्रदर्शन कर रहे हैं. मंगलवार को किसानों ने राज्य सरकार के मंत्री डीके शिवकुमार का कार रोककर भी प्रदर्शन किया था. डीके शिवकुमार ने मामला कमेटी के सामने उठाने का वादा किया था.
बता दें कि सूख से जूझ रहे कर्नाटक में मानसून की देरी से समस्या और गंभीर बन गई है, जिसके मद्देनजर प्रदेश सरकार ने केंद्र से राहत कार्य के लिए 1,500 करोड़ रुपये की मांग की है. एक अधिकारी ने बताया, "मुख्यमंत्री एच. डी. देवगौड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रदेश के सूखा प्रभावित 26 जिलों में चल रहे राहत कार्य के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की योजना के तहत प्रदेश को 1,500 करोड़ रुपये जारी करने की मांग की."
लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को प्रचंड बहुमत मिलने के साथ मोदी के दोबारा सत्ता में आने के बाद उनके साथ पहली मुलाकात में कुमारस्वामी ने प्रधानमंत्री को बताया कि प्रदेश सरकार ने कर्नाटक के 196 स्थानीय निकायों में से 160 में हालात खराब होने के संबंध में एक रिपोर्ट सौंपी है. प्रदेश में पिछले साल 45 फीसदी कम बारिश होने और इस साल मानसून-पूर्व बारिश के हालात भी कमजोर रहने के कारण सूखे की विकट स्थिति पैदा हो गई है.