
कर्नाटक में जनता दल (सेकुलर) और कांग्रेस गठबंधन सरकार पर संकट की खबरों के बीच उनके कैबिनेट मंत्री एम. बी. पाटिल ने बीजेपी पर राज्य सरकार को गिराने की कोशिश करने का आरोप लगाया है और साथ ही किसी विधायक के पाला बदलने की खबरों का पुरजोर खंडन किया है.
कर्नाटक के मंत्री एम बी पाटिल ने दावा किया कि हमारा कोई भी विधायक बीजेपी में नहीं जाएगा. पाटिल ने कहा कि वे (बीजेपी) पूर्व में हमारी सरकार को गिराने की कोशिश कर चुकी है और वे भविष्य में भी ऐसी कोशिशें करेंगे, लेकिन यह सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी.
वहीं, कर्नाटक के मंत्री डीसी थम्मन से जब पूछा गया कि 'क्या उन्हें राज्य मंत्रिमंडल से हटा दिया जाएगा'? तो उन्होंने कहा कि इससे मुझे कोई आपत्ति नहीं है. अगर पार्टी मुझे मेरे पद से बर्खास्त भी करती है तो मैं इसके लिए तैयार हूं. अगर मैं काबिल हूं तो मुझे इसी पद पर बने रहने दें, वरना मुझे कोई पद नहीं चाहिए.
प्रदेश के कांग्रेस नेता रमेश जारकीहोली और डॉक्टर सुधाकर ने रविवार को ही बेंगलुरु में भारतीय जनता पार्टी के नेता एसएम कृष्णा के आवास पर बीजेपी नेता आर अशोक से मुलाकात की. हालांकि, रमेश जारकीहोली ने इस मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताया.
मांड्या से चुनी गईं निर्दलीय सांसद सुमलता अंबरीश भी रविवार को बीजेपी नेता एसएम कृष्णा से उनके आवास पर मिलीं. इस दौरान प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा भी मौजूद थे. इस मुलाकात पर सुमलता ने कहा, ‘सभी से मिलना और उनका धन्यवाद करना मेरा कर्तव्य है.’
इससे पहले रविवार को कुमारस्वामी सरकार पर संकट के मद्देनजर पार्टी ने अपने प्रवक्ताओं और विधायकों को मीडिया से पूरी तरह दूरी बनाए रखने की हिदायत दी है. इसके लिए पार्टी ने लिखित फरमान भी जारी किया है.
बता दें कि कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन की सरकार है. लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मिले बहुमत और केंद्र में मोदी सरकार की वापसी से कांग्रेस-जेडीएस सरकार पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं.
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दरअसल, साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कर्नाटक की 225 विधानसभा सीटों में बीजेपी को 104, कांग्रेस को 78, जेडीएस को 37, बसपा को 1, केपीजेपी को 1 और अन्य को 2 सीटों पर जीत मिली थी. इस तरह से किसी भी पार्टी को बहुमत का आंकड़ा नहीं मिला था. राज्य की सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते बीजेपी के बीएस येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री की शपथ ली, लेकिन कांग्रेस-जेडीएस के एक साथ आने से वह बहुमत साबित नहीं कर पाए. इसके बाद कांग्रेस ने जेडीएस को समर्थन के साथ राज्य में कुमारस्वामी की सरकार बनाई.
कर्नाटक में लगातार कुमारस्वामी की सरकार पर संकट के बादल छाए हुए हैं. उनके खिलाफ बीजेपी ने तीन बार ऑपरेशन लोटस चलाया, लेकिन वह फेल हो गए. अब माना जा रहा है कि केंद्र में सरकार बनने के बाद बीजेपी फिर ऑपरेशन लोटस चलाएगी और इस बार सत्ता परिवर्तन हो सकता है.