
कर्नाटक में चल रहे राजनीतिक ड्रामे को अब सात दिन हो चुके हैं. मामला देश की सर्वोच्च अदालत तक पहुंच गया है. शुक्रवार को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के सामने बागी विधायकों और विधानसभा स्पीकर की याचिका पर सुनवाई हुई. इस दौरान विधायकों की तरफ से पेश हुए मुकुल रोहतगी और स्पीकर रमेश कुमार की तरफ से पेश हुए अभिषेक मनु सिंघवी के बीच जोरदार बहस हुई. दोनों वकीलों ने अपनी-अपनी तरफ से तर्कों के तीर चलाए. पढ़ें इन्हीं बहस के अंश...
मुकुल रोहतगी: विधानसभा स्पीकर रमेश कुमार इस्तीफे पर फैसला करने की बजाय प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं. स्पीकर ने कहा है कि विधायक सुप्रीम कोर्ट क्यों गए थे, मैं तो यहां था मेरे पास आना था. उन्होंने कहा कि स्पीकर के खिलाफ अदालत को एक्शन लेना चाहिए. वो बार-बार कह रहे हैं कि उन्हें इस्तीफा पढ़ना है, लेकिन एक लाइन के इस्तीफे में वह कितनी बार पढ़ेंगे.
मुकुल रोहतगी ने कहा कि स्पीकर ने राजनीतिक वजह से हमारा इस्तीफा मंजूर नहीं किया. जिस पर टिप्पणी करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि क्या विधानसभा स्पीकर सुप्रीम कोर्ट की अथॉरिटी को चैलेंज कर रहे हैं. क्या स्पीकर हमें ये कह रहे हैं कि अदालत को इससे दूर रहना चाहिए.
अभिषेक मनु सिंघवी: अभी बागी विधायकों पर सदस्यता खत्म करने का भी मामला चल रहा है, ऐसे में इस्तीफे की बात कहां से आ सकती है. स्पीकर के साथ बैठक में विधायकों ने माना है कि वह रिजॉर्ट गए लेकिन इस्तीफे के लिए स्पीकर से नहीं मिले.
अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि दूसरी पार्टी की तरफ से स्पीकर पर गलत आरोप लगाए जा रहे हैं. अगर आप आर्टिकल 190, 191 और 191 देखेंगे तो उसमें बताया गया है कि विधायकों को लिखित में इस्तीफा देना होगा. अब ऐसे में इस तरह इस्तीफा भेजा जाएगा तो उसपर स्पीकर ही फैसला करेंगे. विधायकों ने अपनी याचिका की कॉपी भी हमें नहीं दी है, मुझे ये कॉपी सोशल मीडिया से प्राप्त हुई है.