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नियम तोड़कर कल से करतारपुर कॉरिडोर खोलना चाहता है पाकिस्तान, भारत ने जताया ऐतराज

भारत सरकार ने कहा कि ये सद्भावना के नाम पर भ्रम फैलाने की कोशिश है. समझौते के मुताबिक दोनों सरकारों को दोबारा करतारपुर कॉरिडोर खोलने के लिए एक दूसरे को 1 हफ्ते का वक्त देना जरूरी है लेकिन पाकिस्तान सिर्फ 2 दिन के अंदर ही कॉरिडोर को फिर से खोलने की बात कर रहा है.

पाकिस्तान स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारा (फोटो-पीटीआई) पाकिस्तान स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारा (फोटो-पीटीआई)
सतेंदर चौहान
  • चंडीगढ़,
  • 28 जून 2020,
  • अपडेटेड 9:39 AM IST

  • पाकिस्तान ने मात्र 2 दिन पहले भारत को दिया प्रस्ताव
  • नियमों के तहत 7 दिन पहले देनी है जानकारी
  • भारत से पूछे बिना कॉरिडोर खोलने का ऐलान
करतारपुर साहिब कॉरिडोर को लेकर पाकिस्तान ने हमेशा से बहुत ही बेकरारी और दिलचस्पी दिखाई है. अब जब कोरोना महामारी के चलते यह कॉरिडोर बंद हुआ तो पाकिस्तान ने बिना भारत से सलाह किए कॉरिडोर खोलने की तारीख का ऐलान कर दिया है.

कल से करतारपुर कॉरिडोर खोलना चाहता है पाक

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पाकिस्तान सिख श्रद्धालुओं के लिए करतारपुर कॉरिडोर को करीब तीन महीने बाद 29 जून यानी कल सोमवार से खोलना चाहता है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने शनिवार को ट्वीट कर कहा कि 29 जून को महाराजा रणजीत सिंह की पुण्यतिथि है. हम चाहते हैं कि इस दिन कॉरिडोर खुल जाए. इसके लिए हम भारत से बात कर रहे हैं.

सद्भावना के नाम पर भ्रम फैलाने की कोशिश

इधर भारत सरकार ने पाकिस्तान के करतारपुर कॉरिडोर को मौजूदा हालात में फिर से खोलने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. भारत सरकार ने कहा कि ये सद्भावना के नाम पर भ्रम फैलाने की कोशिश है. समझौते के मुताबिक दोनों सरकारों को दोबारा करतारपुर कॉरिडोर खोलने के लिए एक दूसरे को 1 हफ्ते का वक्त देना जरूरी है लेकिन पाकिस्तान सिर्फ 2 दिन के अंदर ही कॉरिडोर को फिर से खोलने की बात कर रहा है. अब इस मामले में आखिरी फैसला गृह मंत्रालय लेगा.

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पढ़ें- कोरोना संकट के बीच पाकिस्तान ने किया करतारपुर कॉरिडोर खोलने का फैसला

दरअसल, भारत ने कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए 15 मार्च को करतारपुर कॉरिडोर को बंद करने का फैसला लिया गया था. पहले इसे 31 मार्च तक बंद किया गया था, लेकिन बाद में अनिश्चितकाल के लिए बंद रखने का फैसला किया गया.

कॉरिडोर खोलने के पक्ष में राजनीतिक दल

पंजाब में अकाली दल और बीजेपी के साथ ही सिखों की सर्वोच्च संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने भी करतारपुर कॉरिडोर खोलने की मांग का समर्थन किया है. एसजीपीसी सदस्य राजेंद्र सिंह मेहता ने कहा कि अगर करतारपुर कॉरिडोर खोला जाता है तो ये अच्छी बात है जब सरकार अनलॉक के अलग-अलग फेज में तमाम स्थानों को खोल सकती है तो ऐसे में सिखों के सर्वोच्च धार्मिक स्थल को जोड़ने वाले करतारपुर कॉरिडोर को खोलने में आखिरकार क्या समस्या है?

पढ़ें- चीन के विरोध में डिलीवरी ब्वॉयज ने छोड़ी जोमैटो की नौकरी, कहा- भूखे रहने को तैयार

अकाली दल ने कहा कि जब हमारे देश में तमाम गुरुद्वारे और धार्मिक स्थल खुल चुके हैं तो ऐसे में अगर पाकिस्तान करतारपुर साहिब गुरुद्वारे को खोलने को तैयार है तो इस पर किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए. वहीं बीजेपी के पंजाब प्रदेश अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने कहा कि करतारपुर कॉरिडोर सिखों की आस्था के साथ जुड़ा मसला है. इस पर अंतिम फैसला भले ही भारत सरकार को लेना है. लेकिन अगर हमारे देश में गुरुद्वारे खुल सकते हैं तो करतारपुर कॉरिडोर को भी एक प्रोटोकॉल तय करने के बाद खोल दिया जाना चाहिए.

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