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कश्मीर में समर्थन वापसी के लिए RSS का था दबाव! पिछली दो समन्वय बैठकों में था चर्चा का केंद्र

पिछले साल सितंबर के वृंदावन और हाल में सूरजकुंड में संघ-बीजेपी समन्वय बैठक में कश्मीर में बिगड़ते हालात के बारे में विचार किया गया था. ऐसा लगता है कि इन चर्चाओं के बाद ही बीजेपी ने कश्मीर में पीडीपी से अपना समर्थन वापस लेने का फैसला किया.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
दिनेश अग्रहरि
  • नई दिल्ली,
  • 20 जून 2018,
  • अपडेटेड 11:31 AM IST

कश्मीर में महबूबा सरकार से समर्थन वापसी के लिए आएसएस का काफी दबाव था. BJP-RSS की पिछली दो समन्वय बैठकों में कश्मीर चर्चा के केंद्र में था. पिछले साल सितंबर के वृंदावन और हाल में सूरजकुंड की बैठक में कश्मीर में बिगड़ते हालात पर विचार किया गया था. ऐसा लगता है कि इन चर्चाओं के बाद ही बीजेपी ने कश्मीर में पीडीपी से अपना समर्थन वापस लेने का फैसला किया.

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इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार, इन बैठकों में इस पर विचार हुआ था कि जम्मू-कश्मीर के हालात सुधारने के लिए पीडीपी-बीजेपी सरकार क्या प्रयास कर रही है. इसमें यह राय भी सामने आई कि कश्मीरी युवाओं में बढ़ रहे कट्टरपंथ को रोकने के लिए कुछ करना होगा.

आरएसएस के कुछ वरिष्ठ नेताओं के अनुसार, सूरजकुंड बैठक में जम्मू-कश्मीर के आरएसएस के कुछ प्रमुख कार्यकर्ताओं ने शिकायत की थी कि जम्मू में विकास कार्य न होने की वजह से वे हतोत्साहित हैं, जबकि केंद्र सरकार ने राज्य को जबर्दस्त आर्थिक पैकेज दिया था.

इस साल मार्च महीने में जम्मू में आरएसएस के पदाधिकारियों की एक बैठक भी हुई थी, जिसमें नागपुर मुख्यालय से कई वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए थे. इस बैठक में यह बात सामने रखी गई कि राज्य सरकार को कश्मीर में आतंकियों से सख्ती से पेश आने की जरूरत है.

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आरएसएस के कई नेताओं का कहना है कि वे पिछले छह महीनों से बीजेपी को यह जानकारी दे रहे थे कि किस तरह से राज्य की हालत बिगड़ती जा रही थी. लेकिन पार्टी ने महबूबा सरकार से समर्थन वापसी पर विचार काफी सोच-समझ कर किया.

बताया जाता है कि सूरजकुंड की बैठक में भी अमित शाह ने खासकर कश्मीर और यूपी के बारे में संघ के जमीनी कार्यकर्ताओं से हासिल फीडबैक की उसके नेताओं से जानकारी ली. इसके बाद मंगलवार को घोषणा से पहले अमित शाह राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मिले.

हाल में संघ ने कश्मीर के अपने पदाधिकारियों में भी बदलाव किया है. रमेश पप्पा की जगह रूपेश कुमार को जम्मू-कश्मीर का नया प्रांत प्रचारक बनाया गया है.

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