
ये ‘भ्रष्टाचार का फ्लाईओवर’ केरल के कोच्चि के पलारीवत्तोम क्षेत्र में स्थित है. इस घोटाले में गिरफ्तार मुख्य अभियुक्त और आईएएस अधिकारी टी ओ सूरज का अब कहना है कि जो भी किया गया वो केरल की पिछली सरकार में पीडब्लूडी मंत्री रहे वी के इब्राहिम कुंजू के आदेश पर किया गया. कुंजू अब भी विधायक हैं और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग से ताल्लुक रखते हैं.
तत्कालीन PWD के मंत्री के कहने पर फंड ट्रांसफर
सूरज ने गुरुवार को मुवत्तापुझा विजिलेंस कोर्ट में ले जाते वक्त कहा- ‘मंत्री ने केस से जुडी सारी फाइलों पर हस्ताक्षर किए थे.’ सूरज ने आरोप लगाया, ‘तत्कालीन पीडब्लूडी मंत्री के कहने पर बिल्डर को एडवांस फंड ट्रांसफर किया गया. रोड्स एंड ब्रिजेस डेवेलपमेंट कॉरपोरेशन केरल (RBDCK) के एमडी ने भी इसकी सिफारिश की थी.’
सूरज ने कहा, ‘एडवांस फंड पर साधारण तौर पर सरकार ब्याज चार्ज नहीं करती, लेकिन बिल्डर को जो एडवांस दिया गया उस पर मैने 7% ब्याज लेने का सुझाव दिया था. मगर मंत्री ने बिना ब्याज एडवांस बिल्डर को देने का आदेश दिया. सब कुछ फाइल में है.’
पूर्व मंत्री कुंजू भी हो सकते हैं गिरफ्तार
केरल की पिछली यूडीएफ सरकार के दौरान पीडब्लूडी सचिव रहे सूरज ने जो खुलासे किए हैं, उसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि पूर्व मंत्री कुंजू को भी गिरफ्तार किया जा सकता है.
केरल के विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो (वीएसीबी) ने संकेत दिया है कि पूर्व मंत्री की गिरफ्तारी की संभावनाओं पर गौर किया जा सकता है.
ब्यूरो के एक टॉप अफसर ने इंडिया टुडे को बताया- ‘हमने उनसे (कुंजू से) इस केस के सिलसिले में एक बार पूछताछ की है. अब हमारे पास ताजा कई सबूत और बयान आए हैं. हम इनका अध्ययन कर रहे हैं. एक बार ये काम पूरा होने के बाद उपर्युक्त फैसला किया जाएगा. अगर उनसे फिर सवाल की जरूरत महसूस हुई तो ऐसा किया जाएगा. जरूरी हुआ तो गिरफ्तारी समेत अन्य प्रक्रियाओं को भी पूरा किया जाएगा.’
बिल्डर को जारी हुआ एडवांस फंड
स्टेट विजिलेंस और एंटी करप्शन ब्यूरो (वीएसीबी ) ने इस केस के सिलसिले में सूरज और कंपनी के एमडी समेत चार लोगों को बीते महीने गिरफ्तार किया. केस में तत्कालीन पीडब्लूडी सचिव सूरज का नाम अभियुक्त नंबर 1 के तौर पर दर्ज है. आरोप है कि सूरज ने ही कंस्ट्रक्शन पूरा होने से पहले ही बिल्डर को एडवांस फंड जारी किया था.
पलारीवत्तोम नेशनल हाइवे बाईपास पर बने इस फ्लाईओवर को भ्रष्टाचार के प्रतीक के तौर पर देखा जा रहा है. यूडीएफ सरकार के दौरान बने इस फ्लाईओवर को 2016 में पब्लिक के लिए खोला गया.
मौजूदा सरकार ने दिए जांच के आदेश
ढांचे में बड़ी खामियां पाए जाने के बाद इस साल मई में फ्लाईओवर को अस्थायी तौर पर बंद कर दिया गया. केरल की मौजूदा एलडीएफ सरकार ने फ्लाईओवर निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच का आदेश दिया. इसी के बाद सूरज समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया.
इस बीच राज्य सरकार ने फ्लाईओवर के ढांचे की स्थिति के लिए मेट्रोमैन ई श्रीधरन से राय मांगी. श्रीधरन ने कई निरीक्षण के बाद फ्लाईओवर को नए सिरे से बनाए जाने का सुझाव दिया. 16 सितंबर को एलडीएफ सरकार ने फ्लाईओवर को दोबारा बनाने का फैसला किया. श्रीधरन को प्रोजेक्ट का ओवरऑल एडवाइजर बनाया गया है.