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केरल: बारिश-बाढ़ में दर्जनों की मौत, ढह गए 2000 घर, बंद करने पड़े स्कूल

केरल के अलावा तमिलनाडु, कर्नाटक में भी भारी बारिश की चेतावनी दी गई है. उत्तराखंड में भी भारी बारिश और भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं.

केरल में 'कुदरत के कहर' से बचते लोग केरल में 'कुदरत के कहर' से बचते लोग
अजीत तिवारी
  • मन्नार,
  • 16 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 7:10 AM IST

केरल के कई क्षेत्रों में लगातार मूसलाधार बारिश की वजह से बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो गई है. कोच्चि हवाई अड्डे पर शनिवार तक विमानों की आवाजाही पर विराम लग गया. इस बीच, आज राज्य में 25 और लोगों के मौत होने के साथ बारिश और बाढ़ में मरने वालों की संख्या लागातार बढ़ती ही रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केरल में अब तक 67 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. कुछ रिपोर्ट्स में मौतों का ये आंकड़ा 70 से 75 तक है.

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अधिकारियों ने बताया कि राज्य में बाढ़ का खतरा बना हुआ है. इस वजह से सभी 14 जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है. उत्तर में कासरगोड से लेकर दक्षिण में तिरूवनंतपुरम तक सभी नदियां उफान पर हैं. मुल्लापेरियार समेत 35 बांधों के फाटक खोल दिए गए हैं. खतरे की आशंका के मद्देनजर गुरुवार को केरल के सभी स्कूलों को बंद रखने का ऐलान किया गया है.

85 हजार से ज्यादा लोग शरणार्थी शिविरों में रुके

केरल में बाढ़ से 2000 से ज्यादा घरों को नुकसान पहुंचा है. राज्य में लोगों के लिए 718 राहत कैंप बनाए गए हैं. हजारों लोग शरणार्थी शिविरों में हैं. राहत एवं बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएफ की चार टीमें पुणे से केरल भेजी गई हैं.

मुख्यमंत्री पिनारयी विजयन ने कहा कि भारी वर्षा अभी कुछ और दिन जारी रहेगी. स्थिति के बिगड़ने की आशंका बनी हुई है. पूरे राज्य में डेढ़ लाख से ज्यादा लोग राहत शिविरों में रखे गए हैं. मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह से राज्य में बाढ़ के हालात को लेकर चर्चा की है. प्रधानमंत्री ने सभी तरह की सहायता का आश्वासन दिया है.

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शैक्षणिक संस्थानों में छुट्टी, परीक्षाएं स्थगित

केरल के मुख्यमंत्री विजयन ने कहा, प्रधानमंत्री ने राज्य के प्रति सकारात्मक रुख अपनाया है. ट्रेन सेवाएं बाधित हैं और सड़क परिवहन सेवाएं भी अस्तव्यस्त हैं. जगह-जगह सड़कें पानी में डूब गई हैं. अधिकारियों के अनुसार कसारगोड को छोड़कर बाकी सभी जिलों में शैक्षणिक संस्थानों में छुट्टी की घोषणा कर दी गयी है. कॉलेजों और महाविद्यालयों ने परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं.

राज्य के विभिन्न हिस्सों में विद्युत आपूर्ति, संचार प्रणाली, पेयजल आपूर्ति बाधित है. स्थिति के और गंभीर होने पर राज्य सरकार ने सेना, एनडीआरएफ और सैन्य इंजीनियरिंग की टीमों की मदद मांगी है. मुख्यमंत्री ने राज्यपाल पी सदाशिवम से भी मुलाकात की और उन्हें स्थिति के बारे में बताया.

अतिरप्पली, पोनमुढी और मन्नार समेत कई बड़े पर्यटन केंद्र बंद कर दिए गए हैं. जहां ओणम उत्सव के मौके पर बड़ी संख्या में पर्यटकों के पहुंचने की उम्मीद होती है. कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा परिसर में पानी घुस जाने के कारण उसे शनिवार तक बंद करने की घोषणा की गई है. इंडिगो, एयर इंडिया और स्पाइस जेट ने कोच्चि हवाई अड्डा से अपना परिचालन बंद करने की घोषणा की है.

नगर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने ट्वीट कर जानकारी दी, 'हमने सभी घरेलू और विदेशी एयरलाइनों से कोचिन की अपनी उड़ानों के लिए त्रिवेंद्रम या कालीकट से समय सारणी तय करने को कहा है. अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के संदर्भ में विशेष व्यवस्था की जरूरत होगी जो आपातस्थिति को ध्यान में रखकर मंजूर की गई है. डीजीसीए समन्वय कायम कर रहा है.'

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राजनाथ सिंह ने विजयन से की बात

गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने 15 अगस्त को केरल के मुख्यमंत्री से बात की और राज्य में बाढ़ की स्थिति के बारे में जानकारी ली. गृह मंत्री ने दिन भर में दो बार मुख्यमंत्री से बात की. इस दौरान उन्होंने दक्षिणी राज्य में बचाव, राहत और पुनर्वास के कार्यों में केंद्र की ओर से सभी तरह की मदद का आश्वासन दिया.

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि विजयन ने सिंह को राज्य सरकार और केंद्रीय एजेंसियों द्वारा उठाये गए कदमों की जानकारी दी. रविवार को राज्य की यात्रा के दौरान गृह मंत्री ने केरल सरकार को 100 करोड़ रुपये की तत्काल राहत राशि देने का ऐलान किया था.

मुख्यमंत्री ने बुलाई बैठक

इससे पहले केरल के मुख्यमंत्री पिनारयी विजयन ने सचिवालय में आवश्यक बैठक बुलायी थी. उन्होंने अधिकारियों से तिरुवनंतपुरम और कोझिकोड में विमानों से उतरने वाले यात्रियों को राज्य सरकार की बसों से उनके गंतव्यों तक पहुंचाने का इंतजाम करने को कहा.

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