
केरल के कथित लव जिहाद मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से हदिया को पढ़ाई पूरी करने की अनुमति मिलने पर उसके पिता केएम अशोकन के अपनी खुशी जताते हुए कहा कि हमारी बेटी आगे पढ़ सकेगी, इस फैसले का हम स्वागत करते हैं. सोमवार को ही सुप्रीम कोर्ट में पेशी के दौरान हदिया ने कहा था कि वो पति के साथ रहकर अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहती है.
हदिया के पिता से अंतर जातीय विवाह पर पूछ गए सवाल पर उन्होंने कहा कि वह एक धर्म और एक ईश्वर में विश्वास रखते हैं लेकिन अपने परिवार का नाता किसी आतंकवादी के साथ नहीं रख सकते. उन्होंने कहा कि 'हदिया को सीरिया के बारे में कोई जानकारी नहीं है, वह इस्लाम में परिवर्तित होकर वहीं जाना चाहती थी. मैं नहीं चाहता कि मेरे परिवार में कोई आतंकी हो’.
सुप्रीम कोर्ट ने हदिया को होम्योपैथी की पढ़ाई पूरी करने के लिए अभिभावकों के संरक्षण से आजाद कर दिया गया. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने हदिया को तमिलनाडु के सलेम भेजने का आदेश दे दिया, ताकि वह पढ़ाई पूरी कर सके. सुप्रीम कोर्ट ने हदिया को सुरक्षा प्रदान करने और जल्द से जल्द उसका सलेम पहुंचना सुनिश्चित करने के लिए केरल पुलिस को निर्देश दिया है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हदिया अपने कॉलेज जाएगी और अपनी पढ़ाई पूरी करेगी. इससे पहले हदिया ने कोर्ट में कहा कि वह नहीं चाहती कि कोई उसका लोकल गार्जियन बने. पिछले 11 महीने उसे गैरकानूनी ढंग से कस्टडी में रखा गया है. लेकिन कोर्ट ने सलेम स्थित होम्योपैथिक कॉलेज के डीन को हदिया को संरक्षक नियुक्त किया है. कोर्ट ने उन्हें किसी भी परेशानी की स्थिति में कोर्ट आने की छूट दी है.
वहीं हदिया के पिता ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि सत्या सारणी नामक संस्था युवाओं में कट्टरपंथी विचारधारा डालकर उनका धर्म परिवर्तन करा रहा है. शफीन जहां फेसबुक के जरिए लोगों से संपर्क करता है. उनका धर्म परिवर्तित कराता है. इस मामले की जांच कर रही एनआईए ने भी कहा सत्या सारणी संस्था युवाओं को बरगलाने का काम कर रही है.
हदिया के कथित पति शफीन जहां का कोर्ट में पक्ष रखने आए वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि वह सांप्रदायिक बहस से दुखी हैं. क्या हिन्दू और मुस्लिम के बीच होने वाली शादी की जांच इस तरह कराई जाएगी. कोर्ट को हदिया की बात सुननी और समझनी चाहिए. उसकी इच्छानुसार उसे जीने का अधिकार देना चाहिए.
इससे पहले सुरक्षा के बीच हदिया और उसके पिता केएम अशोकन दिल्ली पहुंचे. सुप्रीम कोर्ट ने 30 अक्टूबर को हदिया के पिता को अपनी बेटी को 27 नवंबर को पेश करने के लिए कहा था. कोर्ट हदिया के पिता की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें वो अपनी बेटी की मुस्लिम युवक से शादी का विरोध करते हुए लव जिहाद बता रहे हैं.