
केरल के कथित लव जेहाद मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को साफ किया कि अगर लड़की बालिग है, तो ऐसे मामलों में उसकी सहमति सबसे ज्यादा अहमियत रखती है. इसके साथ सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच कर रही NIA से पूछा कि क्या कोई ऐसा कानून है, जो किसी को अपराधी से मोहब्बत करने से रोके.
सुप्रीम कोर्ट ने तमाम दलीलों को सुनने के बाद मामले की सुनवाई 27 नवंबर तक टाल दी और हदिया के पिता से अगली सुनवाई में उसे कोर्ट के समक्ष पेश करने को कहा है. इससे पहले NIA ने कोर्ट से कहा था कि अखिला उर्फ हदिया को बहका कर शादी करने वाला अपराधी है और उसने लड़की को इस कदर बरगलाया है कि वह सही निर्णय लेने की हालत में नहीं.
जानिए क्या है अखिला के हदिया बनने का पूरा मामला
आर्मी परिवार से ताल्लुक रखने वाली अखिला अपने पिता केएम अशोकन की इकलौती बेटी है. 12वीं पास करते ही उसने अगस्त 2010 में तमिलनाडु के सेलम में सिवराज होमियोपैथी मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट में एडमिशन लिया. अखिला के बैच में 26 बच्चे थे. सभी से उसकी अच्छी दोस्ती हो गई. उसी दौरान ही उसकी मुलाकात जसीला अबुबकर से हुई.
जसीला की बहन फसिना भी इसी इंस्टीट्यूट में दूसरा कोर्स कर रही थी. उसी दौरान अखिला रूम मेट जसीला और फसीना के करीब आ गई. वहां अखिला का इस्लाम की तरफ आकर्षण बढ़ने लगा. इस्लाम धर्म की तरफ इतना झुकाव देखते हुए जसीला ने अखिला की मुलाकात अपने पिता परायिल अबुबकर से करवाई. अखिला ने उनसे इस्लाम को लेकर काफी बातें की थी.
इस्लाम धर्म के प्रति बढ़ा आकर्षण
इसी दौरान सोशल मीडिया पर अखिला की जान पहचान एक महिला शेरिन शहाना और उसके पति फजल मुस्तफा से हुई. वह दोनों पति-पत्नी से काफी मिलने लगी. उसी बीच अखिला ने इस्लाम धर्म में जाने की मांग रखी. दोनों ने अखिला को एक इस्लामी शहादत कलमा पढ़वा दिया. कुछ दिनों बाद अखिला के परिवार को इस बात की खबर हुई.
ऐसे हुआ धर्म परिवर्तन का खुलासा
एक दिन अखिला के दादा की मौत के बाद घर में पूजा की जा रही थी. अखिला ने वहां बैठने से इंकार कर दिया. घरवालों के पूछने पर उसने बताया की वह इस्लाम धर्म अपना चुकी है. कुछ समय बाद वह अपने सेलम स्थित कॉलेज जाने के बहाने घर से चली गई. कॉलेज न जाकर जसीला के घर पहुंची. उसने जसीला से इस्लामिक पढ़ाई करने की इच्छा जताई.
अखिला से बदलकर हदिया रखा नाम
जसीला के पिता अबुबकर ने उसका एडमिशन एक इस्लाम सभा में करवाया. वहां उसका नाम अखिला से बदलकर हदिया रखा गया. अखिला एक मरकजुल हिदया सत्या सारणी नामक मुस्लिम संस्था से मिली. यह संस्था केरल के मलप्पुरम जिले में है. सत्य सारणी के जरिए अखिला एक सैनबा नामक महिला से मिली. सैनबा पीएफआई पार्टी की महिला अध्यक्ष थी.
बेटी को बहकाने का लगाया था आरोप
सैनबा ने अखिला से हदिया के नाम पर बने एक प्रमाणपत्र पर साइन कराए. जनवरी 2016 में अखिला ने अपने पिता को पत्र लिखकर कानूनी तरीके से धर्म परिवर्तन करने की बात बताई. इसके बाद उसके पिता ने कोर्ट में याचिका दायर करके अबुबकर पर उनकी बेटी को बहकाने का आरोप लगाया. कोर्ट ने अखिला को सत्य शरणी से इस्लाम पढ़ने की इजाजत दी.
SC ने NIA को दिए जांच के आदेश
दिसंबर 2016 में उसकी शादी शैफीन जहां नामक शख्स से हो गई. वह मस्कट की एक कंपनी में मैनेजर था. 21 दिसंबर, 2016 को हदिया पति के साथ कोर्ट के सामने आई. लेकिन कोर्ट ने उसे हॉस्टल भेज दिया. 24 मई, 2017 को कोर्ट ने शादी खारिज कर दी. उसके पति ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. कोर्ट ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी को जांच के आदेश दिए.