Advertisement

75 लाख रुपये की लॉटरी जीती, दहशत में केरल के शख्स ने पुलिस से मांगी सुरक्षा 

बदेश ने बताया कि वह दो कारणों से पुलिस स्टेशन गए थे. पहला उन्हें औपचारिकताएं नहीं पता थीं. उन्हें नहीं पता था कि लॉटरी जीतने के बाद इनाम की रकम कैसे मिलेगी. दूसरा, उन्हें डर था कि कोई उनसे टिकट छीन न ले. उन्हें मलयालम भाषा भी ज्यादा नहीं आती है. लिहाजा, वह पुलिस से मदद मांगने पहुंचे थे.

एसके बदेश पश्चिम बंगाल में घर लौटकर खेती का काम करेंगे. एसके बदेश पश्चिम बंगाल में घर लौटकर खेती का काम करेंगे.
शिबिमोल
  • त्रिवेंद्रम ,
  • 17 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 11:47 PM IST

पश्चिम बंगाल के रहने वाले एसके बदेश आश्चर्य में थे. उन्होंने केरल सरकार की 75 लाख रुपये की स्त्री शक्ति लॉटरी जीती थी. इस बात का पता चलते ही वह खुशी में झूमने लगे, लेकिन साथ ही उन्हें डर भी लगने लगा. वह मंगलवार की देर रात दहशत में मुवत्तुपुझा पुलिस स्टेशन पहुंच गए और अपनी लॉटरी के लिए सुरक्षा की मांग करने लगे. 

Advertisement

बदेश ने बताया कि वह दो कारणों से पुलिस स्टेशन गए थे. पहला उन्हें औपचारिकताएं नहीं पता थीं. उन्हें नहीं पता था कि लॉटरी जीतने के बाद इनाम की रकम कैसे मिलेगी. दूसरा, उन्हें डर था कि कोई उनसे टिकट छीन लेगा. लिहाजा, वह पुलिस स्टेशन पर सुरक्षा मांगने के लिए चले गए.

पुलिस ने किया पूरी सुरक्षा देने का वादा 

इसके बाद मुवत्तुपुझा पुलिस ने उन्हें औपचारिकताएं समझाईं और पूरी सुरक्षा देने का वादा किया. बदेश ने पहले भी लॉटरी से अपनी किस्मत आजमाई थी, लेकिन वह कभी भी जीत नहीं पाए थे. इस बार भी जब वह लॉटरी के नतीजे देखने के लिए बैठे, तो उन्हें जीतने की उम्मीद कम ही थी. 

सड़क निर्माण का काम कर रहे थे बदेश  

जब बदेश ने टिकट खरीदा था, तब वह एर्नाकुलम के छोटानिकारा में सड़क निर्माण का काम कर रहे थे. बदेश को केरल आए अभी ज्यादा साल नहीं हुए हैं और वह ठीक से मलयालम भाषा बोल और समझ भी नहीं पाते हैं. उन्होंने लॉटरी के नतीजे को जानने के लिए अपने दोस्त कुमार को बुलाया.

Advertisement

घर वापस जाकर खेती का काम करेंगे  

बदेश ने बताया कि पैसे मिलने के बाद वह पश्चिम बंगाल में अपने घर वापस जाना चाहता है. उसका कहना है कि केरल में भाग्य से उसे जो मिला है, उससे वह अपने घर का नवीनीकरण करने के अलावा खेती का विस्तार करेगा. 


 

TOPICS:
Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement