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इस प्लांट के लिए 28 साल पहले हुआ था करार, पीएम मोदी ने बुधवार को किया लोकार्पण

पीएम नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को कुडनकुलम न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट को देश को समर्पित किया. वीडियो कांफ्रेंसिंग जरिये इस कार्यक्रम में तमिलनाडु की सीएम जयललिता भी जुड़ीं.

कुडनकुलम न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट कुडनकुलम न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट
सबा नाज़
  • नई दिल्ली,
  • 10 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 8:09 PM IST

पीएम नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को कुडनकुलम न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट को देश को समर्पित किया. वीडियो कांफ्रेंसिंग जरिये इस कार्यक्रम में तमिलनाडु की सीएम जयललिता भी जुड़ीं. जानिए इस न्यूक्लियर प्लांट के बारे में जिसके लिए 28 साल पहले हुआ था रूस से करार.

1. यह भारत का पहला न्यूक्लियर पावर प्लांट है. इसे रूस के सहयोग से तैयार किया गया है.

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2. दक्ष‍िणी ग्र‍िड से जुड़े इस प्रोजेक्ट की पहली यूनिट ने 31 दिसंबर 2014 से काम करना शुरू कर दिया. इसकी क्षमता 1000 मेगावाट यूनिट बिजली पैदा करने की है.

3. न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NPCIL) जल्द ही इस प्रोजेक्ट की दूसरी यूनिट शुरू करने की तैयारी में है.

4. NPCIL तिरुनेलवेली जिले में कुडनकुलम गांव में 1000 मेगावाट के दो रूसी रिएक्टर स्थापित कर रहा है.

5. पहली और दूसरी यूनिट पर होने वाला शुरुआती अनुमानित खर्च करीब 13,171 करोड़ रुपये था लेकिन प्रोजेक्ट में देरी, रुपये में गिरावट और अन्य कुछ कारणों से यह लागत बढ़कर 17,270 करोड़ रुपये हो गई है.

6. ये रिएक्टर NPCIL और रूसी कंपनी Atomstroyexport के संयुक्त प्रयास से तैयार किए जा रहे हैं.

7. भारत सरकार ने इस प्लांट के लिए निर्माण के लिए 1988 में सोवियत यूनियन से करार किया था. उस वक्त भारत के प्रधानमंत्री राजीव गांधी और सोवियत यूनियन के हेड मिखाइल गोर्बाचेव थे. लेकिन रूस में राजनीतिक और आर्थि‍क उठापटक के चलते इसका निर्माण कार्य 1997 में शुरू हो सका.

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8. पहली दो यूनिट्स का काम सितंबर 2011 में फिर से रोकना पड़ा क्योंकि प्लांट के आसपास के गांववाले इसका विरोध कर रहे थे. हालांकि मार्च 2012 में इसपर काम फिर से शुरू हो गया. और इस वक्त इनसे बिजली का उत्पादन हो रहा है.

9. 13 जुलाई 2013 को पहली बार बिजली उत्पादन हुआ तो इसकी क्षमता 300 मेगावाट थी जिसे चरणबद्ध तरीके से बढ़ाकर 500 मेगावाट किया गया.

10. प्रोजेक्ट की दोनों इकाइयों से कुल 2,000 मेगावाट बिजली पैदा होगी जिसमें तमिलनाडु को 925 मेगावाट, कर्नाटक को 442, केरल को 266, पुडुचेरी को 67 मेगावाट आवंटित है. बाकी 300 मेगावाट का आवंटन नहीं किया गया है. फिलहाल इस कोटे में से 150 मेगावाट बिजली में 100 मेगावाट तमिलनाडु को जबकि 50 मेगावाट आंध्र प्रदेश को दिया जा रहा है.

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