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राफेल मौजूदा वक्त का सबसे बढ़िया एयरक्राफ्ट, 18 साल पहले आया था सुखोई

हमारे देश में साल 2002 में अंतिम फाइटर एयरक्राफ्ट, सुखोई आया था. उसके 18 साल बाद अब एक आधुनिक और भारी क्षमता वाला फाइटर एयरक्राफ्ट हमारे पास आ रहा है. मौजूदा हालात को देखते हुए, जब दोनों पड़ोसियों से हमें खतरा है, राफेल का आना काफी महत्वपूर्ण हो जाता है.

पढ़ें, क्यों खास है राफेल? पढ़ें, क्यों खास है राफेल?
मंजीत नेगी
  • नई दिल्ली,
  • 28 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 12:29 AM IST

  • राफेल सबसे बढ़िया एयरक्राफ्ट
  • चीन-पाकिस्तान पर सामरिक बढ़त

भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल होने के लिए पांच राफेल फाइटर जेट ने फ्रांस से उड़ान भर दी है. इन पांचों फाइटर प्लेन को सात भारतीय पायलट उड़ाकर अंबाला एयरबेस ला रहे हैं. राफेल विमान की खरीद से जुड़े रहे रिटायर्ड एयर मार्शल रघुनाथ नांबियार ने आजतक से खास बातचीत में कहा कि राफेल मौजूदा वक्त का सबसे बढ़िया एयरक्राफ्ट है. ऐसे में भारतीय वायुसेना के लिए यह काफी महत्वपू्र्ण दिन है. 18 साल से कोई नया फाइटर एयरक्राफ्ट प्रोड्यूस नहीं हुआ है.

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नांबियार ने बताया कि हमारे देश में साल 2002 में अंतिम फाइटर एयरक्राफ्ट, सुखोई आया था. उसके 18 साल बाद अब एक आधुनिक और भारी क्षमता वाला फाइटर एयरक्राफ्ट हमारे पास आ रहा है. मौजूदा हालात को देखते हुए, जब दोनों पड़ोसियों से हमें खतरा है, राफेल का आना काफी महत्वपूर्ण हो जाता है.

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एयर मार्शल नांबियार ने आगे कहा कि राफेल इस समय आकाश में सबसे अच्छा विमान है. इसकी तुलना में पाकिस्तान के एफ -16 और जेएफ -17 जैसे लड़ाकू विमान कहीं नहीं ठहरते हैं. यदि आपको चेंग्दू जे -20 के खिलाफ राफेल की तुलना करनी है, तो मुझे लगता है कि राफेल उनके ऊपर खड़ा है.

उन्होंने कहा कि चीन और पाकिस्तान की नापाक हरकतों का माकूल जवाब दे रहे भारत की सैन्य ताकत अब और अभेद, सुरक्षात्मक व घातक बनने जा रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि राफेल की पहली खेप अंबाला में तैनात होगी. यहां अभी दो स्क्वॉड्रन तैनात हैं. पहला जगुआर कॉम्बैट और दूसरी मिग-21 बाइसन. मिग-21 कुछ ही वर्षों में बेड़े से बाहर हो जाएंगे.

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ऐसे में फाइटर जेट राफेल का आना भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है. इसकी तैनाती से चीन और पाकिस्तान पर भारत की सामरिक बढ़त रहेगी.

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